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पुलि‍स महकमे में सि‍लेक्ट हुई थर्ड जेंडर अक्षरा, सोलह श्रृंगार छोड़कर रोजाना 8 घंटे करती थी अभ्यास

पुलि‍स महकमे में सि‍लेक्ट हुई थर्ड जेंडर अक्षरा, सोलह श्रृंगार छोड़कर रोजाना 8 घंटे करती थी अभ्यास
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किन्नरों को समाज में हमेशा से ही शादी या खुशी के अवसर पर बधाई मांगने के लिए आने वालों के रूप में देखा जाता रहा है. अम्बिकापुर में रहने वाली किन्नर अक्षरा ने छतीसगढ़ पुलिस में चयनित होकर एक कीर्तिमान स्थापित किया है. (अंबि‍कापुर से सुम‍ित स‍िंंह की र‍िपोर्ट) 
 

पुलि‍स महकमे में सि‍लेक्ट हुई थर्ड जेंडर अक्षरा, सोलह श्रृंगार छोड़कर रोजाना 8 घंटे करती थी अभ्यास
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अम्बिकापुर में कुछ दिन पहले ही पुलिस भर्ती परीक्षा में अक्षरा ने शारीरिक दक्षता परीक्षा दी थी. आखिरी नतीजे में अक्षरा का चयन होने से पूरे किन्नर समाज में खुशी का माहौल हो गया.

पुलि‍स महकमे में सि‍लेक्ट हुई थर्ड जेंडर अक्षरा, सोलह श्रृंगार छोड़कर रोजाना 8 घंटे करती थी अभ्यास
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अक्षरा, अम्बिकापुर शहर के बौरीपारा स्थित महादेव गली में रहती है. अक्षरा का बचपन से पुलिस में जाने का सपना था. अक्षरा ने कहा कि गुरु लोगों का आशीर्वाद सदा मेरे साथ रहा है, जिस कारण मेरा चयन छत्तीसगढ़ पुलिस में हो पाया है.

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अक्षरा ने कहा कि वो बधाई देने जाती थी तो बधाई छोड़कर वापस आना नहीं होता था. मैं गुरुदेव को बोलती थी कि मुझे पुलिस भर्ती की तैयारी करनी है तो गुरुजन मुझे छुट्टी दे देते थे जिससे मैं पुलिस भर्ती प्रक्रिया में अच्छा प्रदर्शन कर सकूं. मैं रोजाना 8 घंटे अभ्यास करती थी. साथियों का शौक तो साड़ी और सोलह श्रृंगार करके रहना होता है लेकिन मुझे पुलिस बनने का शौक था.

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अक्षरा ने बताया क‍ि क‍िन्नर लोग सिर्फ भीख और ट्रेनों में मांग कर या बस्ती जाकर अपना जीवन-यापन करते हैं मगर मुझे ये सब अच्छा नहीं लगता. बचपन से पुलिस बनने का शौक था और पुलिस को देखकर मुझे गर्व महसूस होता था. आज बहुत खुश हूं कि सपना साकार हुआ, अब देश की सेवा करूंगी.

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जिला आइकॉन किन्नर समाज की अध्यक्ष तमन्ना जयसवाल का कहना है कि इसे मैं अपनी बेटी ही मानती हूं. मैं चाहती थी कि एक दिन ये वर्दी में आये और जितने भी मेरे समूह में पढ़े लिखे किन्नर हैं, सब की जॉब लगे. अक्षरा सभी के लिए प्रेरणा बनेगी.

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