रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन यानी DRDO ने आज जैसलमेर के पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में देसी पिनाका रॉकेट का सफल परीक्षण किया. इससे भारतीय सेना की ताकत में काफी इजाफा होगा और दुश्मन को जवाब देने की क्षमता में भी बढ़ोतरी होगी.
बता दें कि पिनाका स्वदेशी तकनीक से बना एक मल्टीपल रॉकेट लांचर है जिसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने विकसित किया है.
पिनाका मिसाइल में DRDO ने पहली बार एडवांस नेविगेशन और कंट्रोल सिस्टम लगाया है, जो लक्ष्य को तबाह करने में इसे उच्च स्तर की सटीकता प्रदान करता है. नेविगेशन तकनीक के जरिए रॉकेट अपने टारगेट की पहचान कर उसपर सटीक प्रहार करने में सक्षम होगा.
सफल परीक्षण के बाद DRDO ने बताया कि पिनाका मिसाइल ने अपने लक्ष्य को निर्धारित मानक के हिसाब से पूरी तरह तबाह कर दिया. इस दौरान टेलीमीटरी सिस्टम के जरिए पिनाका मिसाइल के दागने की पूरी प्रक्रिया पर नजर रखी गई. इस दौरान लक्ष्य को भेदने में आने वाले रास्ते और घुमाव पर भी उसकी सटीकता को परखा गया.
अभी जो परीक्षण किया गया है वो पिनाका मिसाइल का तीसरा वर्जन है. इससे पहले पिनाका के दो वर्जन थे जो क्रमश: 40 किमी और 75 किमी तक मार करने में सक्षम थे. अब तीसरे वर्जन की क्षमता में वृद्धि की गई है और पिनाका मिसाइल 120 किमी रेंज में दुश्मन के किसी भी ठिकाने को पूरी तरह बर्बाद कर सकता है.