कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में हाहाकार मचाया है लेकिन इस वायरस से जंग जीतकर आने वाले लोगों के लिए भी बुरी खबर है. अमेरिका के टैक्सास टेक यूनिवर्सिटी हेल्थ साइंस सेंटर की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ ब्रिटनी केंडेल ने दावा किया है कि कोरोना को मात देने वाले लोगों को इस बीमारी के दूरगामी परिणाम झेलने पड़ सकते हैं और उनके फेफड़े एक स्मोकर के फेफड़ों से भी ज्यादा संवेदनशील हो सकते हैं.
उन्होंने ट्विटर पर इस बीमारी के प्रभाव को दिखाने के लिए तीन एक्स रे की तस्वीरों को पोस्ट किया. इनमें एक तस्वीर एक स्मोकर के फेफड़ों की थीं, एक ऐसे शख्स की थी जो हाल ही में कोरोना वायरस से उबरा है और एक ऐसे शख्स की जो स्वस्थ था और तीनों में काफी अंतर था. स्मोकर के फेफड़ों काफी काले थे वहीं उन्होंने एक कोरोना पॉजिटिव मरीज के एक्स-रे को भी शेयर किया है जो काफी सफेद दिख रहे थे. इस सर्जन का कहना है कि इस बीमारी के चलते फेफड़ों में हवा ना घुस पाने के कारण कोरोना मरीजों के फेफड़े ऐसे दिखाई दे रहे हैं.
उन्होंने ट्विटर पर लिखा- मुझे नहीं पता कि ये बात किसे सुनने की जरूरत है लेकिन कोरोना पॉजिटिव होने के बाद आपके फेफड़ों की हालत काफी खराब हो सकती है और ये किसी स्मोकर से भी बदतर हो सकते हैं और आप को सांस फूलने की समस्या हो सकती है. इसके अलावा भी फेफड़ों से संबंधित परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं.
इस महिला ने लोकल न्यूज स्टेशन सीबीएस डीएफडबल्यू से बातचीत में कहा कि लोग इस बात पर बहुत ज्यादा ध्यान दे रहे थे कि वे लोग कोरोना पॉजिटिव होने के बाद बच पाएंगे या नहीं और इस बात पर वे कम फोकस कर रहे थे कि इसके दूरगामी परिणाम क्या होंगे. लेकिन जो लोग भी इस बीमारी से जंग जीतने में कामयाब रहे हैं और अगर उन लोगों का केस काफी जटिल था, तो उन्हें भविष्य में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
गौरतलब है कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने वादा किया है कि मिड-फरवरी तक वे ब्रिटेन में रहने वाले 70 साल से अधिक उम्र वाले बुजुर्गों, एनएचएस स्टाफ, केयर होम स्टाफ और वर्कर्स और इसके अलावा कोरोना वायरस पॉजिटिव लोगों को वैक्सीन की डोज लगा दी जाएगी. रिपोर्ट्स के अनुसार, इस देश में 20 लाख से अधिक लोगों को कोरोना वैक्सीन दी जा चुकी है और रोज करीब 2 लाख लोगों को ये वैक्सीन दी जा रही है. वहीं भारत में भी वैक्सीन लगाने की प्रक्रिया शनिवार से शुरू हो रही है.