अमेरिका के इतिहास में साल 2020 सबसे डेडली साबित होने जा रहा है. सीडीसी के आंकड़ों के अनुसार, इस साल अमेरिका में कुल 32 लाख मौतें हो सकती हैं. अब तक अमेरिका में 29 लाख लोगों की मौत हो चुकी है. ये साल 2019 की तुलना में 15 प्रतिशत ज्यादा घातक साबित हुआ है क्योंकि पिछले साल 28 लाख लोगों की मौत हुई थी.
इससे पहले साल 1918 अमेरिका के लिए बेहद त्रासदी भरा हुआ था. साल 1918 में प्रथम विश्व युद्ध के चलते 1 लाख 16 हजार 516 अमेरिकी सैनिकों की मौत हुई थी. इसके अलावा 6 लाख 75 हजार लोग स्पैनिश फ्लू से मारे गए थे. साल 1917 की तुलना में उस साल मौत के आंकड़ों में 46 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली थी.
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के चलते अब तक अमेरिका में तीन लाख 19 हजार लोगों की मौत हो चुकी हैं और ये आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. अमेरिका में पिछला हफ्ता इस कोरोना महामारी के हिसाब से सबसे खतरनाक हफ्ता साबित हुआ है और इस एक हफ्ते में 18 हजार लोगों की मौत हुई है यानी हर 33 सेकेंड्स में एक मौत.
साल 2020 का आखिरी महीना भी कोरोना वायरस के लिहाज से अमेरिका में सबसे डेडली साबित होने जा रहा है. रिपोर्ट्स के अनुसार, 21 दिसंबर तक अमेरिका में रिकॉर्ड 50 हजार 996 लोगों की मौत इस वायरस से हो चुकी है. इससे पहले अप्रैल के महीने में 52 हजार 200 लोगों की मौत हुई थी. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में अप्रैल का रिकॉर्ड टूट जाएगा.
अमेरिका में अब भी कोरोना वायरस की रफ्तार थम नहीं रही है. इस सोमवार को अमेरिका में 1 लाख 90 हजार 519 नए केस सामने आए थे और फिलहाल 1 लाख 15 हजार 351 कोरोना पॉजिटिव लोग अमेरिका के विभिन्न अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं. यही कारण है कि अमेरिकी प्रशासन वैक्सीन को लेकर बेहद गंभीरता दिखा रहा है.
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के अलावा 79 साल के डॉक्टर फॉकी ने लाइव टीवी पर मॉर्डेना वैक्सीन ली थी और उन्होंने इस वैक्सीन की काफी तारीफ की थी हालांकि उन्होंने ये भी कहा था कि अप्रैल से पहले तक सभी अमेरिकी लोगों का टीकाकरण मुश्किल होगा. रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका ने मोडेर्ना से 200 मिलियन डोज और फाइजर से 100 मिलियन डोज लेने का फैसला किया है.