तिब्बत में 7.1 तीव्रता वाले शक्तिशाली भूकंप ने मंगलवार को साल के शुरुआत में ही लोगों को डरा दिया है. इस प्रभाव नेपाल, भारत के बिहार, बंगाल, पूर्वोत्तर के राज्यों और भूटान में भी महसूस हुआ है. भूकंप के दो झटके महसूस किये गए. दूसरी बार भूकंप तिब्बत के ही शिगात्से शहर में 6.8 तीव्रता वाला था. इससे शहर में भारी तबाही हुई है. (फोटो - एएनआई)
तिब्बत में भूकंप से तबाही
चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी सिन्हुआ ने बताया कि शिजांग स्वायत्त क्षेत्र (तिब्बत) के डिंगरी काउंटी में आए 7.1 तीव्रता के भूकंप में 95 लोगों की मौत हुई है और सैकड़ों घायल हुए हैं. राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मंगलवार भूकंप के बाद लोगों की जान बचाने और हताहतों की संख्या कम करने के लिए सभी तरह के बचाव प्रयासों का आदेश दिया है. (फोटो - एएनआई)
बिहार और नेपाल में भी महसूस हुए झटके
तिब्बत में आए तगड़े भूकंप का झटका भारत, नेपाल, बांग्लादेश और भूटान के कई इलाकों में भी महसूस किए गए. सिक्किम समेत पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों, बिहार और पश्चिम बंगाल समेत उत्तर भारत के विभिन्न हिस्सों में मंगलवार सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. (फोटो - एएनआई)
काठमांडू में महसूस हुआ तगड़ा झटका
नेपाल की राजधानी काठमांडू में तेज झटके महसूस होने के बाद लोग अपने घरों से बाहर निकलकर सड़कों और खुले स्थानों की ओर भाग गए. सुबह-सुबह आए तेज झटके की वजह से लोगों को कुछ समझ में नहीं आया. लोग घरों से बाहर निकल आए.
शिन्हुआ समाचार एजेंसी द्वारा जारी की गई इस तस्वीर में दक्षिण-पश्चिमी चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के शिगाज़े में डिंगरी के चांगसुओ टाउनशिप के तोंगलाई गांव में आए भूकंप के बाद क्षतिग्रस्त घरों के बीच खड़े हैं। (फोटो - शिन्हुआ- एपी )
एक के बाद एक आए दो भूकंप
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, 7.1 तीव्रता का पहला भूकंप स्थानीय समयानुसार सुबह 6:35 बजे नेपाल-तिब्बत सीमा के पास शिजांग में आया. इतनी तीव्रता का भूकंप काफी शक्तिशाली माना जाता है और गंभीर क्षति पहुंचाने में सक्षम है. चीनी अधिकारियों ने तिब्बत के दूसरे सबसे बड़े शिगात्से शहर में भूकंप की तीव्रता 6.8 दर्ज की. उसी शिजांग क्षेत्र से एक घंटे के अंदर भूकंप के 5 और झटके महसूस किए गए, जिनकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 4.7 और 4.9 मापी गई. भूकंप का केंद्र वहां स्थित था जहां भारत और यूरेशिया की टेक्टोनिक प्लेटें टकराती हैं.
सिन्हुआ समाचार एजेंसी द्वारा जारी की गई इस तस्वीर में, बचाव कर्मी मंगलवार को दक्षिण-पश्चिमी चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के शिगाज़े में डिंगरी के चांगसुओ टाउनशिप में आए भूकंप के बाद जीवित बचे लोगों की तलाश करते. (फोटो - सिन्हुआ/ एपी )
खौफ में हैं नेपाल के लोग
बिहार में नेपाल से सटे कई इलाकों में भी झटके महसूस हुए. भूकंप के बाद भी कई जगहों पर आफ्टर शॉक जैसे मामले सामने आए हैं. भूकंप के लिहाज से जनवरी का महीना बिहार के लिए यूं भी डराने वाला होता है. क्योंकि 15 जनवरी को ही 1934 में बिहार में एक शक्तिशाली भूकंप ने भारी तबाही मचाई थी. (फोटो - एपी)
युद्धस्तर पर रेस्क्यू का निर्देश
न्यूज एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के महासचिव और केंद्रीय सैन्य आयोग के अध्यक्ष शी ने घायलों के इलाज के लिए हरसंभव प्रयास करने का आदेश दिया है. उन्होंने आपदाओं को रोकने, प्रभावित निवासियों को उचित रूप से पुनर्वासित करने और उसके बाद के काम को प्रभावी ढंग से संभालने का निर्देश दिया है. (फोटो - एपी)
शी ने कहा कि भूकंप की निगरानी और पूर्व चेतावनी के सिस्टम को मजबूत करना, आपातकालीन बचाव आपूर्ति को तुरंत आवंटित करना, क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे की मरम्मत में तेजी लाना, निवासियों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करना और सभी के लिए सुरक्षित और गर्म सर्दी की गारंटी देना आवश्यक है. ( फोटो - एएनआई)
सैकड़ों मकान हो गए क्षतिग्रस्त
चीनी मीडिया के अनुसार डिंगरी काउंटी और उसके आसपास के इलाकों में बहुत तेज झटके आए और भूकंप के केंद्र के पास की कई इमारतें ढह गईं. वहीं नेपाल की राजधानी काठमांडू में तेज झटके महसूस होने के बाद लोग अपने घरों से बाहर भाग गए. (फोटो - सिन्हुआ)
खौफ के साए में हैं नेपाल के लोग
काठमांडू की निवासी मीरा अधिकारी ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि मैं सो रही थी, अचानक बेड हिलने लगा. मुझे लगा कि मेरा बच्चा बेड को हिला रहा है. मैंने उतना ध्यान नहीं दिया, लेकिन खिड़की के हिलने से मुझे लग गया कि तेज भूकंप आया है. मैंने जल्दी से अपने बच्चे को लेकर घर से बाहर भागी और खुले मैदान में चली गई. (फोटो - सिन्हुआ)