विक्टर दार्जिलिंग के लेबांग कार्ट रोड स्थित एलेक्ज़ेंडर सीसोमा डी कोरोस के मकबरे पर जाना चाहते हैं. एलेक्ज़ेंडर सीसोमा तिब्बत भाषा और बौद्ध दर्शन के जानकार थे. वो एशियाटिक सोसायटी से भी जुड़े रहे. उन्होंने पहली तिब्बती-इंग्लिश डिक्शनरी लिखी थी और माना जाता है कि उन्हें 17 भाषाएं आती थीं.
2012 में हिन्दुस्तान टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक दार्जिलिंग म्युनिसिपैलिटी ने कोवासजना (रोमानिया) जहां एलेक्ज़ेंडर का जन्म हुआ और दार्जिलिंग (भारत) जहां उनकी मृत्यु हुई, दोनों को 'ट्विन सिटीज' घोषित करने का प्रस्ताव दिया था और एक रोड का नाम एलेक्ज़ेंडर सीसोमा डी कोरोस के नाम पर किया था.