इंडोनेशिया में दो समलैंगिक लोगों को इस्लामिक कानून तोड़ने के चलते 77 बेंत की सजा सुनाई गई है. इन दोनों लोगों की उम्र 27 और 29 साल है. दोनों व्यक्तियों को दर्जनों लोगों के सामने बेंत की सजा दी गई थी. इनमें से एक शख्स की मां अपने बेटे को मिलती सजा को देखकर सदमे में आ गई और बेहोश हो गई थीं.
शरीया पुलिस चीफ ने कहा कि इन दोनों लोगों को नवंबर में गिरफ्तार किया गया था. दरअसल इन लोगों के पड़ोसियों को शक था कि ये दोनों समलैंगिक हैं और इसके बाद उन्होंने पुलिस को शिकायत कर दी थी. पुलिस ने इन दोनों के रूम पर छापा मारा था और दोनों को गिरफ्तार कर लिया था.
इन दोनों लोगों को 77 बेंत मारी गई. हालांकि इन्हें अलग-अलग 80 बेंत की सजा सुनाई गई थी. लेकिन इन्हें तीन बेंत कम पड़ी क्योंकि दोनों पहले ही तीन महीनों की सजा जेल में काट चुके थे. सजा के दौरान एक बार बेंत टूट भी गई थी जिसे जल्द ही बदल दिया गया. इसके अलावा इन लोगों को अपनी सजा के दौरान बीच में एक बार पानी पीने का मौका भी मिला था.
बता दें कि इंडोनेशिया के आचे में इस्लामिक शरीया कानून लागू किया गया है. ये इंडोनेशिया में अकेला ऐसा क्षेत्र है जहां शरिया कानून लागू है. इस क्षेत्र में 50 लाख लोग रहते हैं जिनमें 98 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है. साल 2001 में इंडोनेशिया की सरकार ने इस क्षेत्र को स्वायत्ता दी थी जिसके बाद यहां शरीया कानून लगा दिया गया था. इंडोनेशिया में आचे के अलावा कहीं भी समलैंगिंक संबंध बनाना गैर-कानूनी नहीं है.
गौरतलब है कि यहां मानवाधिकारों से जुड़े संगठन अक्सर इन अमानवीय सजाओं की आलोचना करते हैं लेकिन इंडोनेशिया के आचे में लोगों का इस कानून का पूरा समर्थन हासिल है और कई लोग इस दौरान पब्लिक में आरोपियों को मिली सजा को देखने पहुंचते हैं. यहां अक्सर छोटे मोटे अपराधों और शराब पीने, अवैध संबंध बनाने के लिए भी बेंत से ही सजा सुनाई जाती है.