एक तरफ पाकिस्तान पूरी दुनिया में खुद को इस्लाम का रक्षक और मुस्लिमों का सबसे बड़ा हितैषी घोषित करता है लेकिन दूसरी तरफ चीन में उइगर मुसलमानों के साथ होने वाले बुरे बर्ताव और अत्याचार पर चुप्पी साधे बैठा है. इसी को लेकर पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर शाहिद अफरीदी ने प्रधानमंत्री इमरान खान से उइगर मुस्लिमों के शोषण के खिलाफ आवाज उठाने का आग्रह किया है. चूंकि बहुत हद तक अब आर्थिक तौर पर पाकिस्तान की निर्भरता चीन पर है इसलिए पाकिस्तान लगातार उइगर मुसलमानों के मुद्दे को चीन का आंतरिक मामला बताकर परोक्ष रूप से चीन का पक्ष लेता रहा है.
बता दें कि चीन में शिनजियांग इलाके में एक करोड़ से अधिक उइगर मुसलमान रहते हैं जिन्हें कथित रूप से डिटेंशन सेंटर में रखा जा रहा है. उइगर और अन्य अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न के आरोप में अमेरिका ने चीन की 28 सरकारी और गैरसरकारी संस्थाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है.
बीते दिनों एक रिपोर्ट आई थी जिसमें डिटेंशन सेंटर से आई कई महिलाओं ने दावा किया था कि वहां चीन उइगर मुस्लिम महिलाओं को इंजेक्शन देकर बांझ बना रहा है ताकि वो बच्चे पैदा न कर सकें और चीन में उइगर मुस्लिमों की संख्या न बढ़े.
डिटेंशन सेंटर से लौटी महिलाओं में से एक ने बताया था कि वो (चीनी सरकार) हमें समय-समय पर आकर इंजेक्शन देते थे जिसके बाद हमारा पीरियड्स आना बंद हो गया जिसका साफ मतलब था कि हमें बांझ बनाया जा रहा था.
इतना ही नहीं कुछ रिपोर्टों में तो यह भी दावा किया गया है कि उइगर मुस्लिम महिलाओं को चीनी मर्दों के साथ सोने के लिए जबरदस्ती मजबूर किया जाता है और इसके लिए वहां एक कार्यक्रम 'जोड़ी बनाओ और परिवार बनो' भी चलाया जा रहा है.
पीड़ित उइगर मुस्लिम महिलाओं ने बताया कि जेल के एक बेहद छोटे से कमरे में 50 लोगों को रखा जाता है और उन्हें खाने में सिर्फ मांस के कुछ टुकड़े मिलते हैं. जुल्म की ये दास्तान और भी कई उइगर समुदाय के लोगों ने भी सुनाई.
अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर साल 2001 में हुए आतंकी हमले के बाद चीन में उइगर मुसलमानों पर जुल्म और सरकार की पाबंदियां बढ़नी तेज हो गई. इस घटना के बाद से चीन धीरे-धीरे और चुपचाप उइगर मुस्लिमों और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यकों की गतिविधियों पर प्रतिबंध बढ़ाता जा रहा है. शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों पर चीन सरकार ने इस कदर पाबंदियां लगा रखी है कि साल 2014 में उन पर रमजान के दौरान रोजा रखने पर भी रोक थी.