छत्तीसगढ़ में मैनपाट के माझी जनजाति समुदाय की अनूठी परंपरा चौंकाने वाली है जहां कीचड़ में नाच कर बारातियों का स्वागत करते हैं. मैनपाट की सबसे पुरानी पहचान यहां की मांझी जनजाति ही है जो अभी भी अपनी पुरानी संस्कृतियों को संजोये हुए है. (अंबिकापुर से सुमित सिंह की रिपोर्ट)
मैनपाट की सबसे पुरातन जनजाति मांझी समुदाय अपने संस्कृतियों को अभी भी संजोये हुए है, चाहे वह महादेव पूजा हो या सरना पूजा.
साथ ही विवाह के दौरान इस जनजाति में एक अनोखी परम्परा भी है जो वर्षों से आज पर्यंत तक बनी हुई है.
जब भी इस जनजाति में विवाह होता है और बारात आती है तो इस जनजाति के लोग अपने गोत्र अनुसार बारात का स्वागत करते हैं. भैंसा गोत्र के लोग बारात आगमन पर कीचड़ में लोटते हैं और एक दूसरे पर कीचड़ लपेट कर बारात का स्वागत करते हैं. (प्रतीकात्मक फोटो)