पृथ्वी से एक अरब प्रकाश वर्ष दूर एक विशाल गामा-रे विस्फोट को कैमरे में कैद किया गया है. खगोलविदों का कहना है कि ये कैमरे पर कैद हुआ ब्रह्रांड का सबसे बड़ा विस्फोट है. जर्मनी के हैम्बर्ग के जर्मन इलेक्ट्रॉन सिंक्रोट्रोन के विशेषज्ञों के मुताबिक, विस्फोट की ये घटना एक तारे की मृत्यु होने के बाद घटी थी. (फोटोज- Deutsches Elektronen-Synchrotron DESY)
इन विशेषज्ञों ने आगे कहा कि तारे की मृत्यु हो जाने के बाद इस तारे के ब्लैक होल में परिवर्तित होने की शुरुआत को कैमरे में कैद किया गया है. गौरतलब है कि इस घटना को स्पेस में मौजूद फर्मी और स्विफ्ट टेलीस्कोप ने डिटेक्ट किया है.
जर्मनी की रिसर्च संस्था Deutsches Elektronen-Synchrotron DESY की रिपोर्ट के मुताबिक, इस विस्फोट के वीडियो को कैप्चर करने के लिए नामीबिया में मौजूद हाई एनर्जी स्टीरियोस्कोपिक सिस्टम टेलीस्कोप की भी मदद ली गई है. सोशल मीडिया पर ये वीडियो रिलीज होने के बाद से ही काफी वायरल हो रहा है.
Universe's biggest EXPLOSION is caught on camera pic.twitter.com/RJXWfNF5Sk
— ANY (@AB_000077) June 4, 2021
गौरतलब है कि एचईएसएस समूह में 15 देशों के 41 संस्थान और 230 वैज्ञानिक शामिल हैं. इन देशों में नामीबिया, साउथ अफ्रीका, जर्मनी, फ्रांस, यूके, आयरलैंड, इटली, ऑस्ट्रिया, नीदरलैंड्स, पोलैंड, स्वीडन, अरमेनिया, जापान, चीन और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश शामिल हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर/Getty Images)
बता दें कि इस घटना के बारे में साइंस जर्नल में पेपर पब्लिश किया गया है. इस पेपर के लेखकों में से एक वैज्ञानिक सिल्विया ज्हू ने कहा कि ये तारा तेजी से घूम रहा था और इसके पतन के साथ ही हम ब्रह्रांड के सबसे बड़े विस्फोटों में शुमार इस घटना को कैप्चर करने में कामयाब रहे. (प्रतीकात्मक तस्वीर/Getty Images)
वही इस मामले में एचईईएस के प्रवक्ता स्टीफन वागनर ने कहा कि गामा-रे के विस्फोट की पूरी प्रक्रिया को समझने के लिए नेक्स्ट जनरेशन के उपकरण काफी बेहतरीन काम कर रहे हैं. इनमें सबसे ज्यादा चर्चा चिली के चेरेनकोव टेलीस्कोप की है. (प्रतीकात्मक तस्वीर/Getty Images)
ज्हू के मुताबिक, इस मामले में विस्फोट के उत्सर्जन को दो अलग-अलग चरणों में विभाजित किया गया है: पहला चरण ऐसा है जो कुछ सेकेंड्स तक चलता है, उसके बाद एक लंबे समय तक चलने वाला आफ्टरग्लो चरण देखने को मिला है. (प्रतीकात्मक तस्वीर/Getty Images)
जर्मनी में मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर न्यूक्लियर फिजिक्स की पीएचडी छात्रा एडना वेलेस्को भी इस रिसर्च में शामिल थीं. उन्होंने गामा-रे पर बात करते हुए कहा कि इनमें होने वाले विस्फोट की बहुतायत हमें इस मामले में प्रेरणा देती है कि भविष्य में ये हाई एनर्जी बैंड काफी सामान्य हो जाएंगे जिससे हमें इनकी भौतिकी को समझने में मदद मिल सकती है. (प्रतीकात्मक तस्वीर/Getty Images)