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आगरा: 92 बार लड़ चुका है चुनाव, 93वीं बार किस्मत आजमाने उतर रहा है 72 साल का बुजुर्ग

हसनुराम अंबेडकरी 93वीं बार लड़ रहे हैं चुनाव
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उत्तर प्रदेश के आगरा से जिला पंचायत चुनाव में नामांकन के आखिरी दिन एक बेहद ही दिलचस्प प्रत्याशी सामने आया है. जो एक या दो बार नहीं बल्कि 92 बार चुनाव लड़ चुका है. यह हैं आगरा के  खेरागढ़ के नगला दूल्हे गांव के रहने वाले हसनुराम अंबेडकरी. सन 1947 में जन्मे अंबेडकरी हसनुराम 74 साल के हो चुके हैं. यह जानकर आपको बेहद हैरत होगी कि अंबेडकरी 74 साल की उम्र में 92 चुनाव लड़ चुके हैं.

(फोटो- अरविंद शर्मा)

हसनुराम अंबेडकरी 93वीं बार लड़ रहे हैं चुनाव
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अंबेडकरी ने पहला चुनाव सन 1985 में लड़ा था. विधायकी के पहले चुनाव में अंबेडकरी हार गए, लेकिन अंबेडकरी के हौसले ने हार नहीं मानी. उन्होंने ग्राम प्रधान से लेकर राष्ट्रपति के चुनाव को लड़ना अपनी नीयत ही बना लिया और तब से अब तक हर चुनाव लड़ रहे हैं. अंबेडकरी ने ग्राम पंचायत सदस्य का चुनाव हो या विधायक, सांसद हो या राष्ट्रपति का  चुनाव, हर किसी में नामांकन दाखिल किया है.

हसनुराम अंबेडकरी 93वीं बार लड़ रहे हैं चुनाव
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हसनुराम कहते हैं कि वह चुनाव जीतने के लिए नहीं हारने के लिए लड़ते हैं. अंबेडकरी इस बार जिला पंचायत के वार्ड 31 से सदस्य के रूप में चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतरे हैं. चुनाव के लिए उन्होंने अपना नामांकन दाखिल किया है. आजतक से हुई खास बातचीत में अंबेडकरी ने अपने चुनावी कारवां की हर एक कहानी कैमरे पर बयां की. उन्होंने कहा कि अगर जिंदा रहा तो 2022 का विधानसभा चुनाव भी लड़ लूंगा.

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पेशे से मनरेगा मजदूर हसनुराम का कहना है कि वो जो भी पैसा कमाते हैं, उसमें से आधा समाजसेवा पर खर्च कर देते हैं. हसनुराम के मुताबिक उनका उद्देश्य यही है कि वे चुनाव हारते रहें जिससे लोगों के बीच में ही हमेशा रहें.  हसनुराम ने तंज के अंदाज में कहा कि वो चुनाव जीत गए तो लोगों को पहचान भी नहीं पाएंगे. हसनुराम ने बताया कि फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट से भी चुनाव लड़ा था और करीब 4200 वोट पाए थे.

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जिला पंचायत चुनाव में एक से बढ़कर एक प्रत्याशी देखने में सामने आ रहे हैं. कहीं 81 साल के बुजुर्ग चुनावी मैदान में हैं तो कोई सोना पहनकर अपनी पत्नी का नामांकन भरने आ रहा है. 

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