कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण की वजह से पूरे देश को लॉकडाउन कर दिया गया है. ऐसे में किसी आपात स्थिति में लोगों के लिए अस्पताल पहुंचना भी बेहद मुश्किल हो जाता है. कुछ ऐसा ही हुआ झारखंड के रामगढ़ में जहां एक गर्भवती महिला की जान सिर्फ एक पुलिस अधिकारी की वजह से बच गई.
दरअसल रामगढ़ में निकहत खान नाम की महिला गर्भवती थी और उसे अचानक पेट में दर्द होने लगा. जब उसके पिता और बहन पड़ोस में मदद मांगने पहुंचे तो लॉकडाउन का हवाला देकर लोगों ने मदद करने में असमर्थता जता दी. निकहत को अस्पताल तक ले जाने के लिए कोई गाड़ी नहीं मिली. उसके परिजनों को समझ नहीं आ रहा था कि मरीज को वो अस्पताल तक कैसे पहुंचाएं.
ऐसे में जब वो सड़क पर किसी वाहन के इंतजार में खड़े थे तो वहां से पतरातू सर्किल इंस्पेक्टर विपिन कुमार अपनी गाड़ी से पेट्रोलिंग करते हुए गुजर रहे थे. निकहत के पिता ने पुलिस अधिकारी को रोक कर अपनी समस्या बताई और कहा कि अगर उनकी बेटी को अस्पताल नहीं पहुंचाया गया तो उसकी जान भी जा सकती है.
पुलिस अधिकारी ने संवेदनशीलता दिखाते हुए तुरंत अपने अंगरक्षकों को आदेश दिया कि गाड़ी से मरीज को सुरक्षित अस्पताल पहुंचा दें. इसके बाद पुलिस गाड़ी में ही गर्भवती महिला को एक निजी अस्पताल पहुंचाया गया जहां उसका इलाज चल रहा है.
गर्भवती महिला की बहन ने बताया कि अगर समय पर पुलिस उसकी बहन को अस्पताल नहीं पहुंचाती तो कुछ भी हो सकता था. पूरे परिवार ने इसके लिए पुलिस और उस अधिकारी का आभार जताया. बता दें कि रामगढ़ के एसपी प्रभात कुमार ने भी सभी पुलिसकर्मियों को जरूरतमंदों की मदद करने का आदेश दिया है.