यूपी में सोनभद्र के बारी, डाला और ओबरा क्षेत्र में 174 करोड़ साल पुराने जीवाश्म मिलने का वैज्ञानिकों ने दावा किया है. वाराणसी से बीएचयू के शोध दल के साथ आये लखनऊ के वैज्ञानिक के मुताबिक, यहां जीवाश्म तीन लेयरों में मौजूद हैं.
माना जा रहा है कि सोनभद्र के ही सलखन फॉसिल्स पार्क (160 करोड़ वर्ष) से भी लगभग पंद्रह साल पुराना हो सकता है. वैज्ञानिक इनके नमूने लेकर जांच के लिये लखनऊ प्रयोगशाला में भेज रहे हैं.
सोनभद्र हमेशा से ही सुर्खियों में रहा है. चाहे यहां सोना मिलने की बात हो या फिर गैस के भण्डार होने का दावा. इस बार सोनभद्र में वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि यहां के डाला, बारी और ओबरा क्षेत्र की पहाड़ियों में मौजूद फॉसिल्स (जीवाश्म ) 174 करोड़ वर्ष पुराने हो सकते हैं.
इन जीवाश्म की खासियत ये है कि जब मनुष्य का अस्तित्व इस पृथ्वी पर नहीं था. यहां केवल पेड़-पौधे और जानवर ही यहां रहते थे. वाराणसी के बीएचयू से शोधकर्ताओं के दल के साथ आये लखनऊ के भू-वैज्ञानिक का दावा है कि यहां मिला जीवाश्म अब तक का सबसे पुराना जीवाश्म हो सकता है.
अमेरिका के यलो स्टोन फॉसिल्स पार्क से भी पुराना फॉसिल्स पार्क सोनभद्र के सलखन में मौजूद है जो लगभग 160 करोड़ साल पुराना है. अब जब इससे भी पुराना फॉसिल्स मिलने का वैज्ञानिक दावा कर रहे हैं तो ये दुनिया का सबसे पुराना फॉसिल्स हो जायेगा. जो सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के वैज्ञानिकों को यहां आने के लिए आकर्षित करेगा.