नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर दिल्ली में हुई हिंसा के बाद शांति बहाली के लिए तमाम कोशिशें जारी हैं. वहीं, इस मुद्दे पर अमेरिकी कमिशन फॉर इंटरनेशनल रिलिजियस फ्रीडम (USCIRF ) ने प्रतिक्रिया दी है. कमिशन ने भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर कमेन्ट किया है.
कमिशन ने ट्वीट करके कहा- 'दिल्ली में मुस्लिमों पर खतरनाक भीड़ के हमले की रिपोर्टों से कमिशन चिंतित है और वह मोदी सरकार से अपील करती है कि भीड़ पर काबू करें और निशाना बनाए गए धार्मिक अल्पसंख्यक और अन्य की सुरक्षा सुनिश्चित हो.'
USCIRF एक स्वतंत्र संस्था जिसकी स्थापना अमेरिका के इंटरनेशनल रिलिजियस फ्रीडम एक्ट (IRFA) के तहत 1998 में की गई थी. संस्था दुनियाभर में धार्मिक स्वतंत्रता के मसलों पर नजर रखती है.
बता दें कि सोमवार को शुरू हुई हिंसा की वजह से दिल्ली में बुधवार दोपहर तक हुई मौतों का आंकड़ा 22 पहुंच गया है. इस मामले पर बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट में भी सुनवाई हुई और पुलिस को जरूरी कार्रवाई करने को कहा गया.
वहीं, अमेरिका के कई सांसदों ने भी दिल्ली की हिंसा पर विरोध दर्ज कराया है. डेमोक्रेटिक पार्टी की अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल, सांसद एलन लॉवेंथल, डेमोक्रेटिक प्रेसिडेंशियल कैंडिडेट और सीनेटर एलिजाबेथ वॉरेन और सांसद रशिता तालिब हिंसा पर विरोध दर्ज कराने वालों में शामिल हैं.
अमेरिकी सांसद रशिता तालिब ने कहा- 'इस हफ्ते ट्रंप ने भारत का दौरा किया,
लेकिन असल कहानी ये है कि दिल्ली में इस वक्त मुस्लिमों के खिलाफ
सांप्रदायिक हिंसा हो रही है. हम चुप नहीं रह सकते क्योंकि देश भर में
(भारत) हिंसा हो रही है.'
अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल ने कहा है- 'भारत में धार्मिक असिष्णुता का
खतरनाक रूप से बढ़ना खौफनाक है. लोकतंत्र को बांटना और भेदभाव करना बर्दाश्त नहीं करना चाहिए और न ही
धार्मिक स्वतंत्रता को कम करने वाले कानून को बढ़ावा देना चाहिए.'
अमेरिकी सांसद एलन लॉवेंथल ने भी हिंसा पर कहा- 'नैतिक नेतृत्व की दुखद
असफलता.' उन्होंने कहा कि भारत में मानवाधिकार के खतरे के खिलाफ हमें जरूर
बोलना चाहिए.
डेमोक्रेटिक प्रेसिडेंशियल कैंडिडेट और सीनेटर एलिजाबेथ वॉरेन ने कहा-
'भारत जैसे लोकतांत्रिक पार्टनर्स के साथ रिश्ता मजबूत करना जरूरी है.
लेकिन हमें अपने मूल्यों, धार्मिक आजादी और अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर सच
भी बोलना चाहिए. शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा कभी भी
स्वीकार्य नहीं है.'
वहीं, हिंसा भड़कने के चार दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया है.
मोदी ने कहा- 'शांति बहाली की कोशिश की जा रही है. पुलिस और एजेंसियों की
ओर से प्रयास किए जा रहे हैं. मैं दिल्ली की अपनी बहनों और भाइयों से शांति
और भाईचारा बनाए रखने की अपील करता हूं.'