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मजदूर की मजबूरी: खर्च के लिए पहले बेचा बैल फिर खुद खींच रहा गाड़ी

मजदूर की मजबूरी: खर्च के लिए पहले बेचा बैल फिर खुद खींच रहा गाड़ी
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मध्य प्रदेश के इंदौर बायपास पर गरीबी से जूझती जिंदगी और हर पल रंग बदलती दुनिया के नये आयाम देखने को मिल रहे हैं. कभी यहां ट्रक पर सवार सैकड़ों लोग अपनी भूख और प्यास को मिटाने के लिए समाजसेवी संस्थाओं का सहारा ले रहे है तो कभी मुंबई के रिक्शॉ वाले पेड़ों की छांव की ओट लिए अपने परिवार सहित नजर आ रहे हैं.
मजदूर की मजबूरी: खर्च के लिए पहले बेचा बैल फिर खुद खींच रहा गाड़ी
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पलायन के इस दौर में इंदौर से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जिस पर सोशल मीडिया में अलग-अलग कयास लगाए जा रहे हैं. दरअसल, सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में बैलगाड़ी दिखाई दे रही है जिसमें एक तरफ बैल तो दूसरी तरफ बैलगाड़ी का मालिक गाड़ी को खुद हांकते हुए सड़क से गुजर रहा है.
मजदूर की मजबूरी: खर्च के लिए पहले बेचा बैल फिर खुद खींच रहा गाड़ी
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कभी बैलगाड़ी को एक शख्स हांक रहा है तो कभी बैलगाड़ी पर बैठी महिला. वहीं, कई लोग तो इसे महाराष्ट्र से राजस्थान की ओर जाने वाली दर्दभरी तस्वीरें बता रहे हैं.

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मजदूर की मजबूरी: खर्च के लिए पहले बेचा बैल फिर खुद खींच रहा गाड़ी
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सोशल मीडिया पर वायरल यह वीडियो मंगलवार दोपहर का है जिसमें महू से देवास रोड जाने वाली सड़क दिखाई दे रही है. यह तस्वीरें इंदौर बायपास की हैं जहां महू से चला राहुल बैलगाड़ी में अपनी भाभी और छोटे भाई को बिठाकर अपने घर नायता मुंडला इंदौर की ओर जा रहा है. महू से इंदौर करीब 25 किलोमीटर है.
मजदूर की मजबूरी: खर्च के लिए पहले बेचा बैल फिर खुद खींच रहा गाड़ी
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राहुल की मानें तो वह और उसका परिवार पैदल ही अपने घर चले गए थे और अब बचे हुए लोगों और अपनी बैलगाड़ी को वो ले जा रहा है. गाड़ी में उसका भाई और भाभी बैठी हैं. जब एक थक जाता है तो दूसरा उसकी जगह लग जाता है. भाभी भी बैल की जगह खुद को हांकती है.
मजदूर की मजबूरी: खर्च के लिए पहले बेचा बैल फिर खुद खींच रहा गाड़ी
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दरअसल, राहुल गांव-गांव घूमकर बैल खरीदने और बेचने का काम करता है लेकिन जीवन-यापन के चलते उसे अपने एक बैल को कम कीमत पर बेचना पड़ा ताकि लॉकडाउन के दौरान वो घर चलाने के लिए कुछ रुपये जुटा सके.
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फिलहाल, मंगलवार को महू से चली बैलगाड़ी अपनी मंजिल तक तो पहुंच चुकी है लेकिन आधुनिक भारत की ये तस्वीर कोरोना संकटकाल में लोगों की बेबसी को बता रही है जहां बैल की जगह खुद को हांकना पड़ रहा है.
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