पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस से जूझ रही है. अब इस जानलेवा महामारी ने इबोला वायरस की खोज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले वैज्ञानिक पीटर पियोट को भी अपना शिकार बना लिया है. पियोट कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं.
लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन के निदेशक पीटर पियोट इससे पहले कभी गंभीर रूप से बीमार नहीं पड़े थे. उन्होंने कहा कि 40 साल तक अध्ययन करने और एचआईवी सहित संक्रामक रोगों पर शोध का नेतृत्व करने के बाद आखिरकार, मुझमें भी एक वायरस मिल ही गया."
बता दें कि 2017 में पियोट को स्वास्थ्य विज्ञान में सेवा के लिए नाइटहुड की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया था. कोरोना संक्रमण होने के बाद वो गंभीर रूप से निमोनिया से पीड़ित हो गए थे जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अब वो इलाज के बाद वायरस से उबर रहे हैं.
पियोट ने उम्मीद जताई कि संकट के इस समय में देशों के बीच राजनीतिक तनाव कम होंगे और यह विशेषज्ञों को वैक्सीन की खोज के लिए प्रेरित करेंगे. उन्होंने कहा कि अब महामारी से लड़ने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के नेतृत्व में भी सुधार हो सकता है.
कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद अपने पहले इंटरव्यू में प्रोफेसर पियोट ने व्यक्तिगत अनुभवों को साझा किया. उन्होंने कहा कि इस महामारी की वजह से अब सार्वजनिक स्वास्थ्य पर वायरस के संभावित प्रभाव पर बातें होंगी. लोग किडनी और हृदय की समस्याओं से बचे रहेंगे.