मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में 2020-21 गणना के तहत प्रदेश भर में सबसे ज्यादा 722 गिद्ध पाए गए. पन्ना टाइगर रिजर्व के अलावा उत्तर वन मंडल में 438 और दक्षिण वन मंडल में 614 गिद्धों की गणना की गई. विलुप्त होते गिद्धों के बचाव और उचित देखभाल के लिए रविवार को जिले में गिद्धों की गणना की गई थी.
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इस तरह से पन्ना जिले में कुल एक हजार 774 गिद्ध पाए गए जो कि प्रदेश में किसी भी जिले की संख्या से कहीं ज्यादा हैं. इस गणना के मुताबिक मध्य प्रदेश में कुल 9 हजार 408 गिद्ध पाए गए है. लंबे समय से वन विभाग गिद्धों को बचाने के लिए उनके लिए अनुकूल माहौल बनाने के प्रयास कर रहा है.
देश में तेजी से बढ़ते बाघ कुनबा के लिए मशहूर पन्ना टाइगर रिजर्व में अकेले 722 गिद्ध की गणना की गई. यहां गिद्धों के 68 आवास चिन्हित किए गए, जहां पर बैठे 56 गिद्धों के बच्चे और 666 बड़े गिद्धों की गणना की गई. पिछले साल जिले में तीन क्षेत्रों में गिद्ध मिले थे.
पन्ना टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक उत्तम कुमार शर्मा ने बताया कि इस गिद्धों की संख्या पिछले साल की तुलना में काफी अच्छी है. उन्होंने बताया कि पन्ना टाइगर रिजर्व में आने वाले समय में गिद्धों की संख्या में बढ़ोतरी की संभावना है. दिसंबर-जनवरी के दौरान गिद्ध अंडे देते हैं. इसके साथ ही प्रजनन काल के चलते इस दौरान प्रवासी गिद्ध की भी गिनती होती है. इसके बाद मई महीने तक सभी गिद्ध अपने मूल निवास पर लौट जाते हैं. दूसरे चरण की गणना में ही सही संख्या सामने आएगी.
मध्य प्रदेश का पन्ना टाइगर रिजर्व न सिर्फ बाघों, बल्कि गिद्धों के लिए भी विश्व प्रसिद्ध है. बुंदेलखंड में सबसे ज्यादा पन्ना व करतल क्षेत्र में गिद्धों की बहुतायत है. पर्यावरण के सफाई कर्मी कहलाने वाले गिद्धों की यहां सात प्रजातियां पाई जाती हैं. चार प्रजातियां पन्ना टाइगर रिजर्व की हैं. शेष तीन प्रजातियां प्रवासी हैं.