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84 KM प्रति सेकेंड की गति से गिरती है बिजली, सूरज से ज्यादा गर्मी, ऐसे बचें

84 KM प्रति सेकेंड की गति से गिरती है बिजली, तापमान सूरज से ज्यादा, ऐसे बचें...
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पिछले 24 घंटे में उत्तर प्रदेश और बिहार में बिजली गिरने की वजह से 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. हर साल देश में बिजली गिरने से हजारों लोगों की मौत होती है. 2017 में 2885 और 2018 में 2357 लोगों की मौत बिजली गिरने से हुई थी. आखिरकार ये बिजली क्यों गिरती है? क्यों इसकी वजह से लोगों की जान जाती है? (फोटोः गेटी)
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बिजली गिरना एक प्राकृतिक घटना है. अगर पूरी दुनिया में गिरने वाली बिजलियों की गिनती करें तो औसत एक दिन में करीब 50 से 100 बार बिजली गिरती है. (फोटोः गेटी)
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आसमान से गिरने वाली बिजली का तापमान कई बार सूरज के तापमान से भी ज्यादा होती है. यह आमतौर पर 17 हजार डिग्री सेल्सियस से 27 हजार डिग्री सेल्सियस तक होती है. जबकि, सूरज का औसत तापमान 5505 डिग्री से लेकर 10 हजार डिग्री सेल्सियस तक रहता है. (फोटोः गेटी)
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आकाश से धरती पर बिजली गिरने की गति बहुत ज्यादा होती है. यह 3 लाख किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से गिरती है. यानी करीब 84 किलोमीटर प्रति सेकेंड की गति. (फोटोः गेटी)
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आकाशीय बिजली इलेक्ट्रिकल डिस्चार्ज है. ऐसा तब होता है जब बादल में मौजूद हल्के कण ऊपर चले जाते हैं और पॉजिटिव चार्ज हो जाते हैं. वहीं, भारी कण नीचे जमा होते हैं. निगेटिव चार्ज हो जाते हैं. जब पॉजिटिव और निगेटिव चार्ज अधिक हो जाता है. तब उस क्षेत्र में इलेक्ट्रिक डिस्चार्ज होता है. (फोटोः गेटी)
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ज्यादातर इलेक्ट्रिकल डिस्चार्ज बादलों में ही खत्म हो जाता है. लेकिन कई बार यह धरती पर भी गिरती है. आसमान से गिरने वाली बिजली में लाखों-अरबों वोल्ट की ऊर्जा होती है. बिजली में अत्यधिक गर्मी के चलते तेज गर्जना होती है. (फोटोः गेटी)
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बादल में जब बिजली बनती है जब जमीन पर मौजूद चीजों का इलेक्ट्रिक चार्ज बदलता है. जमीन का ऊपरी हिस्सा पॉजिटिव चार्ज हो जाता है. निचला हिस्सा निगेटिव चार्ज रहता है. ऊंची मीनारें, टावर, इमारतें जब पॉजिटिव चार्ज हो जाते हैं तब पॉजिटिव को बादल खींचते हैं. तभी बिजली नीचे की ओर आती है. इसलिए ऊंची इमारतों पर ज्यादा बिजलियां गिरती हैं. (फोटोः गेटी)
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बिजली गिरते समय उससे बचने के लिए ये कुछ जरूरी काम हैं, जो सभी को करने चाहिए. अगर आपके सिर के बाल खड़े हो जाएं या झुनझुनी होने लगे तो फौरन नीचे बैठकर कान बंद कर लें. यह इस बात का संकेत है कि आपके आसपास बिजली गिरने वाली है. जहां हैं वहीं रहे, हो सके तो पैरों के नीचे सूखी चीजें जैसे-लकड़ी, प्लास्टिक, बोरा या सूखे पत्ते रख लें. (फोटोः गेटी)
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दोनों पैरों को आपस में सटा लें, दोनों हाथों को घुटनों पर रख कर अपने सिर को जमीन की तरफ जितना संभव हो झुका लें. सिर को जमीन से सटने न दें. जमीन पर कभी न लेटें. बिजली से चलने वाले उपकरणों से दूर रहें, तार वाले टेलीफोन का इस्तेमाल न करें. खिड़कियों, दरवाजे, बरामदे और छत से दूर रहें. (फोटोः गेटी)
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पेड़ बिजली को आकर्षित करते हैं, इसलिए पेड़ के नीचे खड़े न हों. समूह में न खड़े रहें, अलग-अलग हो जाएं. घर से बाहर हैं तो धातु से बनी वस्तुओं का इस्तेमाल न करें. बाइक, बिजली के पोल या मशीन से दूर रहें. (फोटोः गेटी)
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