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अयोध्या: जाकी रही भावना जैसी, प्रभु नगरी देखी तिन तैसी!

'असली' अयोध्या के कितने दावे? जाकी रही भावना जैसी, प्रभु नगरी देखी तिन तैसी!
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नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अयोध्या पर एक बयान देकर भारत और नेपाल के बीच रिश्तों में खटास बढ़ा दी. ओली ने कहा कि अयोध्या नेपाल के बीरगंज में है. यहीं पर प्रभु श्रीराम जन्मे थे. ओली ने तो इस बात से भी इनकार कर दिया कि माता सीता का विवाह प्रभु राम से हुआ था. इसके बाद से 'अयोध्या कहां है' को लेकर एक बहस छिड़ गई.
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भारत में लिखी गई वाल्मिकी रामायण, रामचरितमानस के अनुसार अयोध्या उत्तर प्रदेश में है. कहा जाता है कि करीब 3000 साल पहले भगवान राम का जन्म यहीं पर हुआ था. लेकिन पुरातात्विक प्रमाणों की कमी की वजह से इसकी मौजूदगी को लेकर विवाद होता आया है.
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भगवान राम का जन्म उत्तर प्रदेश के अयोध्या में हुआ इसका जिक्र मंगोलिया, थाईलैंड और इंडोनेशिया की जनसूक्तियों यानी किवदंतियों में भी होता आया है. वर्तमान अयोध्या को लेकर कई इतिहासकारों का अलग-अलग मानना है. लेकिन लोगों की मान्यताओं के आधार पर इसे उत्तर प्रदेश में ही माना गया है.
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1992 में इतिहासकार श्याम नारायण पांडे ने एक किताब लिखी 'एनसिएंट जियोग्राफी ऑफ अयोध्या'. इसमें श्याम नारायण पांडे ने बताया कि अयोध्या अफगानिस्तान के हेरात शहर में हुआ करता था. पांच साल बाद 1997 में पांडे ने इंडियन हिस्ट्री कांग्रेस में इस थ्योरी पर एक पेपर 'हिस्टोरिकल रामा डिस्टिंग्विश्ड फ्रॉम गॉड रामा' प्रेजेंट किया.
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इसके एक साल बाद 1998 में पुरातत्ववेत्ता एमवीएन कृष्णा राव ने बताया कि अयोध्या हरियाणा के बनावली में थी. उन्होंने इसका आधार सिंधु घाटी की मुहर देख कर लगाया था. उनका दावा था हरियाणा की ऐतिहासिक सरस्वती नदी के किनारे अयोध्या बसी थी.
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इतना ही नहीं, राव ने राम को सुमेर के राम-सिन-प्रथम की तरह दिखाया था. आज सुमेर इराक में है. तब इराक में अफगानिस्तान और ईरान भी आता था. राव की थ्योरी के मुताबिक इराक के बेबीलोन का राजा हम्मुराबी रामायण का रावण था.
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साल 2000 में राजेश कोचर की एक किताब आई 'द वैदिक पीपुलः देयर हिस्ट्री एंड जियोग्राफी'. इसमें कोचर ने दावा किया कि भगवान राम का जन्म अयोध्या में नहीं हुआ था. इनके मुताबिक सरयू नदी अफगानिस्तान के हरोयू या हरी-रुड में थी. पुराने प्रमाणों से कोचर ने यह अर्थ निकाला की भगवान राम अफगानिस्तान और पूर्वी इरान के किसी इलाके में रहते थे.
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साल 2015 में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अब्दुल रहीम कुरैशी ने एक पेपर 'फैक्ट्स ऑफ अयोध्या एपीसोड' प्रकाशित किया. इसमें इन्होंने दावा किया था कि भगवान राम पाकिस्तान के रहमान डेहरी में पैदा हुए थे.
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थाईलैंड में भी अयोध्या के होने का दावा किया जाता है. यहां पर भी भगवान राम के जन्म का सबूत दिया जाता है. यहां की अयोध्या मध्यकालीन शहर अयुथाया में थी. आज यहां के खंडहरों में एक ऐतिहासिक पार्क बना दिया गया.
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कहते हैं कि थाईलैंड के पुराने सियाम साम्राज्य के दौरान राजा यू थॉन्ग 14वीं सदी के मध्य में अयुथाया पहुंचा था. उसने यहां पर अपनी राजधानी बनाई थी. लेकिन स्मॉल पॉक्स फैलने की वजह से काफी नुकसान हुआ था. यह इलाका चाओ फ्राया नदीं के किनारे बसा था. थाई भाषा में फ्राया का मतलब होता शाही संबंध.
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हालांकि, इन सभी जगहों पर रामायण के अनुसार अयोध्या का सबूत नहीं मिलता. एक दावा ये भी किया जाता है कि अयोध्या का नाम 11वीं सदी में पड़ा. उससे पहले उसे साकेत कहा जाता था.
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