उन्नाव में एक नाबालिग लड़की से गैंगरेप के मामले में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने बीजेपी के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी करार दिया है. अब सेंगर को क्या सजा दी जाएगी इस पर कल यानी 17 दिसंबर को कोर्ट में बहस होगी.
बता दें कि उन्नाव से विधायक रहे कुलदीप सिंह सेंगर पर साल 2017 में एक नाबालिग लड़की ने रेप का आरोप लगाया था. इसके बाद से ही कुलदीप सिंह सेंगर जेल में बंद है. इस मामले को लेकर उत्तर प्रदेश में राजनीति तेज होने के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया था. नाबालिग से बलात्कार के मामले में उन्नाव से विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ही मुख्य आरोपी था. फिलहाल वह तिहाड़ जेल में बंद है. 4 जून 2017 को गैंगरेप की एक वारदात को अंजाम दिया गया था.
इसी मामले में 28 जुलाई को गवाही देने इलाहाबाद हाई कोर्ट जा रही पीड़िता के साथ रायबरेली में एक्सीडेंट हुआ था, जिसमें उसके चाची-मौसी की मौत हो गई थी. लड़की और उसके वकील गंभीर रूप से घायल हुए थे. इस मामले में भी मुख्य आरोपी विधायक कुलदीप सेंगर है. दोनों मामलों की जांच सीबीआई कर रही है.
गौरतलब है कि उन्नाव में कुलदीप सिंह सेंगर को अजेय विधायक के रूप में लोग जानते हैं और वहां माना जाता है कि सेंगर जिस पार्टी से चुनाव लड़ते और जीतते हैं, राज्य में सत्ता भी उसी पार्टी की बनती है. कुलदीप सिंह सेंगर अपने क्षेत्र में काफी लोकप्रिय थे और उन्होंने लगातार चार चुनाव में जीत दर्ज की थी. उन्नाव के सदर विधानसभा क्षेत्र से अपनी चुनावी राजनीति शुरू करने वाले सेंगर बांगरमऊ, भगवंतनगर और फिर बांगरमऊ से चुनाव लड़े हैं और जीत हासिल की है.
सेंगर ने अपनी राजनीतिक जीवन की शुरुआत साल 2002 में कांग्रेस से की थी. इसके बाद सेंगर ने 2002 में ही कांग्रेस से इस्तीफा देकर विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मायावती की पार्टी बीएसपी का दामन थाम लिया था. बीएसपी की टिकट पर सदर सीट से वो पहली बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे.
इसके बाद कुलदीप सिंह सेंगर ने दूसरे विधानसभा क्षेत्रों में भी अपनी पहुंच बनाई और लोकप्रियता बढ़ने के साथ पार्टी में उनकी खटपट शुरू हो गई. इसके बाद बीएसपी प्रमुख मायावती ने उसे पार्टी से निकला दिया. जिसके बाद उन्होंने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया. साल 2007 में एसपी ने उन्हें बांगरमाऊ से टिकट दिया और सेंगर दूसरी बार भी चुनाव जीत गए. इस दोनों ही जीत के साथ बीएसपी और एसपी बारी-बारी से राज्य की सत्ता में भी आई.
2012 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने उन्हें भगवंत नगर से अपना उम्मीदवार बनाया और इस बार भी सेंगर ने चुनाव में जीत दर्ज की. साल 2017 में यूपी के विधासभा चुनाव से ठीक पहले सेंगर ने समाजवादी पार्टी को छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए, जिसके बाद एक बार फिर से वो विधायक बन गए.
बलात्कार के इस मामले में सेंगर के खिलाफ 5 एफआईआर दर्ज हैं, जिस पर आज दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट ने फैसला सुनाया और देरी के लिए जांच एजेंसी को फटकार भी लगाई. बता दें कि अन्य 4 मामलों में भी सुनवाई अभी चल रही है. इस मामले में दूसरी एफआईआर पीड़िता के साथ हुए गैंगरेप को लेकर दर्ज की गई थी. जबकि तीसरी एफआईआर पीड़िता के पिता के साथ मारपीट और फिर पुलिस कस्टडी में हुई उसकी मौत से जुड़ी है.