पश्चिम बंगाल में चुनावी सरगर्मी के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रुजिरा सीबीआई के रडार पर हैं. केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने तृणमूल कांग्रेस सांसद अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा को समन भेजकर अवैध कोयला तस्करी मामले में पूछताछ की. ये पूछताछ करीब डेढ़ घंटे तक चली. इसके बाद सीबीआई की टीम अभिषेक बनर्जी के घर से निकल गई. कोयला तस्करी मामले में नाम आने के बाद अब रुजिरा बनर्जी की नागरिकता को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं.
थाईलैंड की नागरिकता और साल 2019 में पीआईओ कार्ड और अन्य दस्तावेजों में अलग-अलग जानकारी देने को लेकर उन्हें केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से भी नोटिस जारी किया गया है. ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (OCI) कार्ड रखने वाली रुजिरा ने उस वक्त लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचा था जब मार्च 2019 में हवाई अड्डे पर सीमा शुल्क अधिकारी के काम में बाधा पहुंचाने के आरोप में कथित रूप से उन्हें हिरासत में लिया गया था. उनके चेक-इन बैगेज में सोना मिला था. हालांकि यह मामला अभी कोर्ट में है.
ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर ममता बनर्जी के राजनीतिक उत्तराधिकारी माने जाने वाले उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा कौन हैं (Who is Rujira Banerjee). कुछ रिपोर्टों के अनुसार, रुजिरा के पिता दिल्ली के राजौरी गार्डन के निवासी हैं और करोल बाग इलाके में मोबाइल गैजेट की दुकान के मालिक हैं. उनका थाईलैंड में भी कारोबार था, जहां रुजिरा का जन्म हुआ था.
तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के अनुसार, लो प्रोफाइल रहने वाले रुजिरा की मुलाकात अभिषेक बनर्जी से उस वक्त हुई थी जब वो दिल्ली में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ प्लानिंग एंड मैनेजमेंट (IIPM) में पढ़ रहे थे. यहीं उनकी दोस्ती हुई और थोड़े दिनों में दोनों को एक दूसरे से प्यार हो गया. इसके बाद उनका कॉलेज आना-जाना साथ में होने लगा. फरवरी 2012 में दोनों ने शादी कर ली थी. शादी राजधानी दिल्ली में एक भव्य समारोह में हुई थी.
रुजिरा अपनी नागरिकता को लेकर उस वक्त विवादों में आईं जब 29 मार्च, 2019 को उनके पीआईओ (भारतीय मूल के व्यक्ति) कार्ड और विवाह प्रमाण पत्र में "विसंगतियां" पाई गई. मंत्रालय के विदेश प्रभाग के माध्यम से भेजे गए नोटिस में 15 दिनों के भीतर उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया और जवाब न देने पर उचित कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई थी.
नोटिस के अनुसार, थाई नागरिकता रखने वाली रुजिरा को 8 जनवरी, 2010 को बैंकॉक में भारतीय दूतावास द्वारा पीआईओ कार्ड जारी किया गया था. कार्ड में पिता के रूप में निप्पॉन नारोला का उल्लेख किया गया था. रुजिरा ने ओसीआई (विदेशी नागरिकता) में अपने पीआईओ कार्ड के रूपांतरण के लिए आवेदन किया था. इसके बाद उन्हें कोलकाता के कार्यालय से 8 नवंबर, 2017 को ओसीआई कार्ड जारी किया गया था.
रुजिरा द्वारा अपने PIO कार्ड को ओसीआई कार्ड में परिवर्तित करने के लिए प्रस्तुत किए गए सहायक दस्तावेजों में से एक में अभिषेक के साथ उनके विवाह का जो प्रमाण पत्र था वो 13 फरवरी, 2013 को जारी किया गया था, जिसमें उसने गुरशरण सिंह आहूजा का अपने पिता के रूप में उल्लेखित किया था."
14 नवंबर, 2019 को रुजिरा ने एक थाई नेशनल होल्डिंग ओसीआई कार्ड के रूप में अपनी वास्तविक स्थिति को बताए बिना फॉर्म 49 ए दाखिल करके पैन कार्ड के लिए आवेदन किया और गुरशरण सिंह आहूजा को अपने पिता के रूप में उल्लेखित किया. उस वक्त उन्हें ओसीआई कार्ड रखने वाले विदेशी के रूप में खुद को घोषित करके पैन प्राप्त करने के लिए फॉर्म 49 एए भरने की आवश्यकता थी.
दस्तावेजों में विसंगतियों को लेकर कहा गया है कि रुजिरा का ओसीआई कार्ड धारक के रूप में रजिस्ट्रेशन रद्द होने के लिए वो खुद उत्तरदायी हैं. उन्हें नोटिस में यह भी बताने के लिए कहा गया है कि पहले और बाद में प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों में गलत जानकारी क्यों दी और तथ्यों को क्यों छिपाया.