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भारत के इस 'अर्जुन' के निशाने से नहीं बचेगा दुश्मन, ऑटो टारगेट ट्रैकर समेत 14 बड़े बदलाव

Arjun Mark-1A main battle tank
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अर्जुन मार्क-1ए टैंक के आने से देश की सैन्य ताकत में और बढ़ोतरी हुई है. भारतीय सेना के लिए देश में ही बनाए जा रहे अर्जुन मार्क-1ए टैंक की खरीद के लिए 8000 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं. अर्जुन टैंक देश का मुख्य युद्धक टैंक है. लेकिन नए अर्जुन में जो खासियत है वो उसे और घातक बनाती है. इस टैंक में 14 नए बदलाव किए गए हैं. इस टैंक की खबर सुनकर पाकिस्तान और चीन अभी से ही चिंता में हैं. आइए जानते हैं कि आखिर इस टैंक में ऐसा क्या है जो उसे इतना घातक बनाता है. (फोटोः अजय शुक्ला)

Arjun Mark-1A main battle tank
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अर्जुन मार्क-1ए (Arjun Mark-1A) टैंक का वजन 68.5 टन है. लंबाई 34 फीट 11 इंच है. चौड़ाई 13 फीट है. ऊंचाई 9 फीट 2 इंच है. इस टैंक में चार लोग बैठ सकते हैं. कमांडर, गनर, लोडर और ड्राइवर. इस टैंक की मुख्य गन 120 मिलीमीटर की है. यह टैंक एक मिनट में 6 से 8 गोले दाग सकता है. इस टैंक में 39 गोले रखे जा सकते हैं. (फोटोःगेटी)

Arjun Mark-1A main battle tank
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इसके अलावा, 12.7 मिलीमीटर की मशीन गन है जो 1000 राउंड फायर करती है. 7.62 मिलीमीटर की कोएक्सियल मशीन गन है जो 3000 राउंड फायर करती है. इसके अलावा 12 स्मोक ग्रैनेड्स रहेंगे जो युद्ध क्षेत्र में दुश्मन को धोखा देने के लिए होते हैं. इस टैंक की रेंज 450 किलोमीटर है. यानी एक बार इसके फ्यूल टैंक में 1610 लीटर ईंधन डाल दो तो यह 65 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से 450 किलोमीटर की दूरी तक जा सकती है. (फोटोःगेटी)

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Arjun Mark-1A main battle tank
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अब बात करते हैं इसकी आधुनिक ताकतों को जिसकी वजह से ही दुश्मन की हालत खराब हो जाएगी. अर्जुन मार्क-1ए (Arjun Mark-1A) टैंक में रिमोट कंट्रोल्ड वीपन सिस्टम (Remote Controlled Weapon System) लगा है. एक खास तरह की मशीन गन है जो दुश्मन के विमान को देखते ही रिमोटली चलाया जा सकता है. इसे चलाने के लिए सैनिक को टैंक के ऊपर बैठने की जरूरत नहीं है. (फोटोःगेटी)

Arjun Mark-1A main battle tank
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इस टैंक की सबसे बड़ी खासियत है ऑटो टारगेट ट्रैकर (Auto Target Tracker). यानी टैंक के अंदर बैठकर भी कमांडर दुश्मन के टैंक और बंकरों को ट्रैक कर सकते हैं. अगर कमांडर किसी और काम में व्यस्त हैं तो भी टैंक का यह सिस्टम खुद-ब-खुद दुश्मन को ट्रैक करके उसपर निशाना साध सकता है. इसमें कमांडर के लिए पैनोरैमिक साइट भी दिया गया है. (फोटोःगेटी)

Arjun Mark-1A main battle tank
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अर्जुन मार्क-1ए (Arjun Mark-1A) टैंक की गन यानी नली को ज्यादा मजबूत और अत्याधुनिक बनाया गया है. ताकि दुश्मन इससे छूटे गोले से बचकर भाग न सके. इसके अलावा इस टैंक में एडवांस्ड लैंड नैविगेशन सिस्टम लगाया गया है. यानी युद्ध क्षेत्र में जमीन कैसी है. कहां गड्ढा है. कहां ऊंचा-नीचा है. कहां पानी इसकी जानकारी टैंक में बैठे सैनिकों को मिल जाएगी. (फोटोःगेटी)

Arjun Mark-1A main battle tank
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अर्जुन मार्क-1ए (Arjun Mark-1A) टैंक के ड्राइवर के लिए इसमें ड्राइवर्स नाइट साइट (Driver's Night Sight) का ऑप्शन दिया गया है. यानी टैंक के ड्राइवर को रात में हो रहे युद्ध में अंधेरे में देखने को मुश्किल नहीं होगी. इस टैंक में ट्रैक विद माइन प्लो (Track Width Mine Plough) लगा है यानी टैंक के रास्ते में अगर लैंडमाइंस लगाए गए हों तो उसे इस प्लो से निकाल कर बर्बाद कर दिया जाए. (फोटोःगेटी)

Arjun Mark-1A main battle tank
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अर्जुन मार्क-1ए (Arjun Mark-1A) टैंक में एडवांस्ड रनिंग गीयर सिस्टम लगाया गया है, जो इसकी गति और मैन्यूवरिंग को और आसान बनाता है. इसके अलावा इस टैंक में एक्सप्लोसिव रिएक्टिव ऑर्मर लगा है. यानी टैंक के चारों तरफ खास रीनफोर्स्ड धातु से बना कवच जो इसे किसी भी तरह के विस्फोट से बचाएगा. (फोटोःगेटी)

Arjun Mark-1A main battle tank
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अर्जुन मार्क-1ए (Arjun Mark-1A) टैंक में लेजर वार्निंग और काउंटर मेजर सिस्टम लगा है. यानी टैंक के ऊपर अगर दूर से लेजर गाइडेड मिसाइल या किसी अन्य प्रकार के लेजर गाइडेड हथियार से हमला होने वाला होगा तो यह तुरंत पहचान लेगा. इसके बाद हमलावर पर खुद हमला करके बच जाएगा. (फोटोःगेटी)

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Arjun Mark-1A main battle tank
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अर्जुन मार्क-1ए (Arjun Mark-1A) टैंक में कंप्यूटर कंट्रोल्ड इंटीग्रेटेड फायर कंट्रोल्ड सिस्टम लगा हुआ है. ये सिस्टम टैंक की मुख्य गन के साथ-साथ 7.62 मशीन गन और 12.7 मशीन गन को एकसाथ ऑपरेट कर सकता है. अर्जुन मार्क-1ए टैंक के पुराने वर्जन की तुलना में नया वर्जन 54.3 फीसदी ज्यादा स्वदेशी है. इस टैंक के चारों तरफ स्वदेशी कवच कंचन लगाया गया है, जो इसे एंटी-टैंक हमलों से बचाएगा. (फोटोःगेटी)

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