इस बारे में रूसी सरकार का कहना है कि कोरोना से पहले सार्स और मार्स बीमारियों पर रिसर्च चल रही थी. कोरोना और सार्स एक ही फैमिली के होने की वजह से पहले की गई रिसर्च कोरोना वैक्सीन बनाने में मददगार साबित हुई है. उससे पहले जनवरी में ही चीन ने कोरोना के जेनेटिक सीक्वेंस साझा किए थे, जिसकी वजह से यह वैक्सीन इतनी तेजी से बन सका.