दुनिया का सबसे बड़ा उल्लू खतरे में है. इसकी आबादी दुनिया में मौजूद टाइगर्स से भी कम हो चुकी है. इस प्रजाति को बचाने के लिए साइंटिस्ट अब प्रयास करने में जुट गए हैं. इस उल्लू के पंख फैलने पर 6 फीट चौड़े हो जाते हैं. रूस के सुदूर पूर्वी इलाके और एशिया के कुछ इलाकों में मिलने वाले इस उल्लू का प्राकृतिक निवास खत्म हो रहा है. आइए जानते हैं कि आखिर ये कौन सा उल्लू है, जिसके लिए अब दुनिया खतरनाक होती जा रही है...(फोटोःगेटी)
इस उल्लू का नाम है ब्लैक्सिटन फिश आउल (Blakiston's Fish Owl). उल्लुओं में यह सबसे बड़े आकार का उल्लू होता है. आमतौर पर यह रूस के सुदूर पूर्वी इलाकों, जापान और एशिया के कुछ इलाकों में पाया जाता है. इसका निवास राइपेरियन जंगल, पुराने पेड़, झील के किनारे, नदी या झरने के आसपास होता है जो सर्दियों में जमते नहीं हैं. लेकिन बढ़ती मानवीय गतिविधियों की वजह से इनका निवास स्थान इनसे छिनता जा रहा है. (फोटोःगेटी)
ब्लैक्सिटन फिश आउल (Blakiston's Fish Owl) का नाम इंग्लैंड के प्रकृतिविद थॉमस ब्लैक्सिटन के नाम पर रखा गया है. इन्होंने इस इस उल्लू की खोज जापान के होकाइडो में की थी. आइए अब जानते हैं कि ब्लैक्सिटन फिश आउल (Blakiston's Fish Owl) का आकार कैसा होता है, वजन कितना होता है. (फोटोःगेटी)
ब्लैक्सिटन फिश आउल (Blakiston's Fish Owl) में नर का वजह 3.6 किलोग्राम तक होता है. जबकि मादा इससे भारी होती है. उसका वजह 4.6 किलोग्राम तक हो सकता है. साथ ही मादा नर से आकार में 25 फीसदी ज्यादा बड़ी होती है. सर्दियों में इनका वजन कम हो जाता है. (फोटोःगेटी)
आमतौर पर ब्लैक्सिटन फिश आउल (Blakiston's Fish Owl) की लंबाई 24 से 28 इंच होती है. लेकिन इनके पंखों का फैलाव सबसे ज्यादा होता है. जब ये उड़ते हैं तो इनके पंखों का फैलाव 5.10 फीट से लेकर 6.30 फीट तक होता है. किसी-किसी ब्लैक्सिटन फिश आउल (Blakiston's Fish Owl) के पंखों का फैलाव 6.7 फीट तक भी जा सकता है. (फोटोःगेटी)
ब्लैक्सिटन फिश आउल (Blakiston's Fish Owl) दिखने में ग्रेट ईगल आउल की तरह ही दिखते हैं. लेकिन आकार, रंग में अंतर होता है. इनकी चार उप-प्रजातियां दुनिया के अलग-अलग इलाकों में पाई जाती हैं. आइए जानते हैं इन चारों उप-प्रजातियों के बारे में...(फोटोःगेटी)
बीबी ब्लैक्सिटोनी नाम की प्रजाति जापान के होकाइडो और कुरिल्स इलाके में पाई जाती है. बीबी डोरेरेसी पूर्वी साइबेरिया, व्लादिवोस्तोक और कोरियाई सीमा के आसपास मिलती है. बीबी काराफुटोनिस नाम की प्रजाति शाखालिन इलाके में पाई जाती है. वहीं, बीबी पीसीवोरस प्रजाति वेस्ट मंचूरिया इलाके में पाई जाती है. (फोटोःगेटी)
ब्लैक्सिटन फिश आउल (Blakiston's Fish Owl) की आंखें पीले रंग की होती है. ये प्रजनन के समय दो घंटे तक लगातार आवाज निकाल कर एकदूसरे को बुला सकते हैं. फिलहाल पूरी दुनिया में इनकी आबादी 1000 से 1900 के बीच ही बची है. इसलिए खतरे में पड़े उल्लुओं की इस शानदार प्रजाति को बचाने की जरूरत आ गई है. (फोटोःगेटी)
ब्लैक्सिटन फिश आउल (Blakiston's Fish Owl) आमतौर पर मछलियों का शिकार करते हैं. इनमें पाइक, कैटफिश, ट्राउट और सैलमन मछलियां ज्यादा पसंद होती हैं. लेकिन कभी-कभी ये मेंढक, छोटे जीव जैसे चूहे आदि का भी शिकार कर लेते हैं. कई बार ये साफ पानी के केकड़े भी खाना पसंद करते हैं. (फोटोःगेटी)
व्लादिवोस्तोक स्थित ईस्ट एशिया टेरेस्ट्रियल बायोडायवर्सिटकी के फेडरल साइंटिफिक सेंटर की पीएचडी स्कॉलर राडा सरमैक कहती हैं कि हम लोगों ने इन उल्लुओं की प्रजाति को बचाने के लिए प्लान बनाया है. हमारी कोशिश रहेगी कि इनके लिए ब्रीडिंग सेंटर जैसी व्यवस्था की जाए. लोगों को इनका शिकार करने और इनके घर तोड़ने से मना करेंगे. (फोटोःगेटी)
राडा ने बताया कि ब्लैक्सिटन फिश आउल (Blakiston's Fish Owl) की सबसे बड़ी दिक्कत है इनका प्राकृतिक निवास टूटना. उसका खत्म होना. ये जहां रहते हैं अब वहां पर मानवीय गतिविधियां बढ़ती जा रही है, ऐसे में इन्हें हटना पड़ता है. जंगल कट रहे हैं. ऐसे में ये नई जगह की तलाश में भटकते हुए मारे जा रहे हैं. (फोटोःगेटी)