बहुत जल्द दुनिया का सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज का उद्घाटन किया जाएगा. यह रेलवे ब्रिज बनकर तैयार होने वाला है. केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज की तस्वीर अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर की है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि ढांचागत चमत्कार पूरा होने की कगार पर है. भारतीय रेलवे इंजीनियरिंग का एक नया मील का पत्थर लगाने वाली है. चेनाब नदी पर बन रहा दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज तैयार होने वाला है. (फोटोः ट्विटर/पीयूष गोयल)
केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल जिस रेलवे ब्रिज की बात कर रहे हैं वो जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले में भारतीय रेलवे बना रही है. यह ब्रिज चेनाब नदी के ऊपर बनाया जा रहा है. स्टील से बन रहे इस ब्रिज का आकार एक आर्क जैसा है. आइए जानते हैं इस ब्रिज की खासियत के बारे में. (फोटोःगेटी)
Infrastructural Marvel in Making: Indian Railways is well on track to achieve another engineering milestone with the steel arch of Chenab bridge reaching at closure position.
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) February 25, 2021
It is all set to be the world's highest Railway bridge 🌉 pic.twitter.com/yWS2v6exiP
रियासी जिले में बन रहे दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज की ऊंचाई पेरिस के एफिल टावर से भी 35 मीटर (करीब 115 फीट) ज्यादा ऊंचा है. यह भारतीय रेलवे के इतिहास का अब तक सबसे कठिन प्रोजेक्ट है. इस प्रोजेक्ट को कोंकण रेलवे पूरा कर रहा है. (फोटोः Indian Railway)
चेनाब नदी के ऊपर बन रहा यह रेलवे ब्रिज ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल परियोजना का हिस्सा है. जो मार्च 2021 तक पूरा होगा. इस ब्रिज की कुल लंबाई करीब 1.3 किलोमीटर है. जबकि यह 359 मीटर (करीब 1178 फीट) ऊंचा है. जबकि पेरिस का एफिल टावर 324 मीटर (करीब 1063 फीट ऊंचा) है. (फोटोःगेटी)
इस ब्रिज के मुख्य आर्क का व्यास 485 मीटर (1591 फीट) है. इसके सबसे ऊंचे खंभे की ऊंचाई 133.7 मीटर (करीब 439 फीट है). इस ब्रिज में कुल 17 खंभे लगे हैं. ऊधमपुर से बारमुला तक के इस रेल प्रोजेक्ट की कुल लंबाई करीब 326 किलोमीटर है. (फोटोः ट्विटर/पीयूष गोयल)
इस ब्रिज को बनाने के लिए कुल 25 हजार मीट्रिक टन स्टील लगाया गया है. यह पुल 266 किलोमीटर प्रतिघंटा चलने वाली हवा को भी बर्दाश्त कर सकता है. साथ ही यह भूकंप रोधी और विस्फोट रोधी भी है. (फोटोःगेटी)
इस ब्रिज को अगर बम लगाकर उड़ाने को कोशिश भी की जाएगी तो वह फेल हो जाएगी. क्योंकि इसका स्टील विस्फोट रोधी है. इस ब्रिज पर 100 किलोमीटर प्रतिघंटा की अधिकतम गति से ट्रेन चल सकती है. इस ब्रिज को बनाने में करीब 512 करोड़ रुपए लगेंगे. जबकि पूरी रेल परियोजना की लागत 20 हजार करो़ड़ रुपए है. (फोटोःगेटी)