कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में कहर बरपा रखा है और इससे डॉक्टर भी अछूते नहीं हैं. चीन के जिस वुहान शहर से इस जानलेवा वायरस के फैलने की शुरुआत हुई थी वहां दो डॉक्टर भी इससे संक्रमित हो गए थे. कोरोना वायरस की वजह से उनके चेहरे का रंग गहरा (काला) होने लगा था. अब कोरोना वायरस से उबरने के बाद उनके चेहरे का रंग धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है.
डॉ यी फैन, जनवरी महीने में मरीजों का इलाज करते हुए कोरोना संक्रमित हो गए थे जिसके बाद अचानक उनके चेहरे का रंग बदल गया था. इलाज के बाद कोरोना वायरस पर जीत हासिल करके पिछले सप्ताह वुहान के एक अस्पताल से उन्हें छुट्टी मिल गई. अस्पताल के प्रवक्ता के मुताबिक डॉ यी के चेहरे का रंग एक एंटीबायोटिक की वजह से बदला था जो उन्हें इलाज के दौरान दिया गया था.
प्रवक्ता के मुताबिक डॉ यी के सहयोगी डॉ हू वफेंगे का भी संक्रमण के बाद चेहरे का रंग बदल गया था. वो अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं और उनका इलाज चल रहा है.
42 साल के डॉ वाई और डॉ हू लगभग चार महीने पहले वुहान सेंट्रल अस्पताल में मरीजों का इलाज करते हुए कोरोना वायरस के शिकार हो गए थे. बीजिंग टीवी स्टेशन द्वारा जारी किए गए फुटेज में वुहान के टोंगजी अस्पताल में 6 अप्रैल को अपनी काली त्वचा के साथ बीमार पड़े दोनों डॉक्टरों को दिखाया गया है.
डॉ यी की एक हाल ही में ली गई तस्वीर में इलाज के बाद वो अपने पुराने स्वरूप में दिख रहे हैं. चीन के एक अस्पताल में क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के उप निदेशक प्रो डुआन जून ने कहा कि मेडिकल टीम ने उनके उपचार के दौरान अंतिम उपाय के तौर पर पॉलिमाइक्सिन बी एंटीबायोटिक दिया था. उन्होंने कहा कि दवा से डॉक्टरों के शरीर में हाइपर पिग्मेंटेशन हो गया था. अब वो धीरे-धीरे ठीक हो जाएंगे.