चीन के वुहान शहर से ही सबसे पहले कोरोना वायरस निकला. चीन इस बात को मानने को तैयार नहीं है. लेकिन मना भी नहीं कर रहा है. अब एक स्टडी में दावा किया गया है कि चीन ने वुहान लैब के रहस्यमयी डार्क डेटाबेस को छिपाया है. अगर यह सामने आए तो यह पता चलेगा कि कोरोना वायरस इसी लैब से निकला है या प्राकृतिक तरीके से फैला है. (फोटोःगेटी)
यूरोपियन मीडिया संस्थान द सन में प्रकाशित खबर के अनुसार वुहान की लैब में नए वायरसों और चमगादड़ों से संबंधित अप्रकाशित डेटा को छिपाया गया है. ये डेटा अत्यधिक सुरक्षा में रखे गए हैं, ताकि इन्हें कोई देख न सके. जब से कोरोनावायरस की पहली खबर सामने आई है तब से वुहान स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (Wuhan Institute of Virology - WIV) चर्चा का विषय बना हुआ है. (फोटोःगेटी)
Wuhan lab’s mysterious dark database hidden by China could be Covid cover-up smoking gun, study claims https://t.co/t7lxqzsnp8
— The Sun (@TheSun) March 2, 2021
कोरोना वायरस से पहले इस लैब के डेटा ऑनलाइन आसानी से एक्सेस किए जा सकते थे. लेकिन कोरोना वायरस महामारी शुरू होने की तुरंत बाद ही इस प्रयोगशाला का ऑनलाइन एक्सेस चीन ने बंद कर दिया. इसकी फाइलें किसी को मिलती नहीं है. न ही इसकी साइट पर मौजूद कोई डेटा किसी को मिल सकता है. (फोटोःगेटी)
इतना ही नहीं इस प्रयोगशाला में कई डेटा को पासवर्ड प्रोटेक्टेड करने के बाद वहां से हटा लिया गया है. ऐसा माना जा रहा है कि इन पासवर्ड प्रोटेक्टेड डेटा में कोरोना वायरस से संबंधित जानकारियां होंगी जो चीन छिपा रहा है. (फोटोःगेटी)
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सारी बातें मान ली सिवाय इसके कि चीन के वुहान लैब से वायरस लीक हुआ है. जिसे पूरी दुनिया चीन की करतूत छिपाने की WHO की कोशिश करार दे रही है. DRASTIC के डेटा एनालिस्ट जिली डिमैन्यूफ ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों की टीम वुहान लैब से कोरोना वायरस लीक होने के डेटा को लेकर एक 25 पेज की रिपोर्ट बनाई है. (फोटोःगेटी)
जिली ने बताया कि चीन ने जान बूझकर कोरोना वायरस से संबंधित डेटा को छिपाने की कोशिश की है. बहुत सारे डेटाबेस को पासवर्ड प्रोटेक्टशन दिया गया है. इसके बावजूद इंटरनेशनल साइंटिस्ट्स की टीम ने 15 वायरस डेटाबेस निकालने में सफलता हासिल की है. ये सारे डेटा चीन की सरकार ने ऑफलाइन कर दिए थे. लेकिन वैज्ञानिक सफल हुआ उन्हें निकालने में. (फोटोःगेटी)
वुहान लैब ने इस बारे में कहा था कि उसे अपने साइट से डेटा चोरी होने और साइट हैक होने की आशंका थी, इसलिए उसने सारे डेटा को पासवर्ड प्रोटेक्टेड और ऑफलाइन कर दिया. इसके अलावा साइबर अटैक से बचाया जा सके. अमेरिकी इंटेलिजेंस अधिकारी कोरोना वायरस के फैलने को लेकर अक्सर इस बात पर जोर डालते रहते हैं कि वुहान की लैब से ही वायरस लीक हुआ है. (फोटोःगेटी)
वुहान लैब का सारा डेटा डॉ. शी झेंगली के पास है. उन्हें चीन की बैट वुमन (Bat Woman) कहा जाता है. वो वुहान लैब में कोरोना वायरस से संबंधित सभी रिसर्च की प्रमुख हैं. जिस डेटाबेस को खोजने की तैयारी चल रही है, उसका नाम है "batvirus.whiov.ac.cn". ऐसा माना जाता है कि इस डेटा बेस में 22 हाजर सैंपल्स और वायरस सिक्वेंस रखें होंगे. 15 हजार चमगादड़ों के और 1400 चमगादड़ों से संबंधित वायरसों के. इसके अलावा अन्य वायरसों की भी डिटेल्स होंगी. (फोटोःगेटी)