कल्पना कीजिए, एक शख्स है. उसके दोनों हाथ नहीं है, उसके पांव भी ठीक नहीं है. वह रोज तीन घंटे ट्रेन से सफर करता है. 9 घंटे की ड्यूटी करता है और अपनी लिफ्ट से लोगों को ऊपर-नीचे लेकर जाता है. दोनों हाथ नहीं होने के बावजूद यह आदमी मुंबई में पूरी तत्परता से लिफ्टमैन की ड्यूटी करता है.
41 वर्षीय इस आदमी का नाम है जयशंकर शुक्ला. आपको यह जानकर शायद रोना आ जाए कि जयशंकर की पत्नी भी विक्लांग है, लेकिन इस शख्स ने अपने स्वाभिमान से कभी समझौता नहीं किया. जसशंकर महज 4 हजार रुपये महीने की सैलरी में अपने बुजुर्ग पिता और पत्नी की देखभाल समेत दो बच्चों को भी कैसे पढ़ाता है, इसे समझना आसान नहीं है.
जयशंकर पिछले 16 सालों से लिफ्ट चला रहा है. मुंबई के नानाभय चैंबर में दोनों हाथ न होने के बावजूद वह न सिर्फ लिफ्ट चलाता है, बल्कि लिफ्ट के गेट खोलता और बंद भी करता है. उसे रोज अपने घर से इस बिल्डिंग तक पहुंचने के लिए रोज 42 किलोमीटर का सफर तय करना होता है. विपरीत हालात में शारीरिक अक्षमता के बावजूद काम करते हुए उसके चेहरे पर भी जरा भी शिकन नहीं आती, बल्कि वह लिफ्ट में आने वालों का मुस्कुरा कर स्वागत करता है.