उज्जैन के 104 वर्षीय आध्यात्मिक गुरू मौनी बाबा की गुड़गांव के एक निजी अस्पताल में रीढ़ की हड्डी की सफल सर्जरी की गयी. कुछ हफ्ते पहले उनका एंजियोप्लास्टी का आपरेशन भी हो चुका है.
मौनी बाबा की एंजियोप्लास्टी के महज पांच सप्ताह बाद गुड़गांव के फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च संस्थान (एफएमआरआई) में उनकी सर्जरी की गयी.
संस्थान में न्यूरोसर्जरी विभाग के अतिरिक्त निदेशक संदीप वैश्य ने कहा, ‘रोगी हमारे पास पैरों और पीठ में काफी दर्द की शिकायत के साथ आये थे जो एक डिस्क में समस्या के कारण हो रहा था. इस दर्द से राहत के लिए सर्जरी का ही विकल्प था.’ उन्होंने कहा कि रोगी की आयु को देखते हुए इस तरह की सर्जरी एक चुनौती थी और पांच हफ्ते पहले ही एंजियोप्लास्टी होने के चलते भी जोखिम ज्यादा था.
वैश्य ने कहा, ‘सर्जरी दर्द में राहत प्रदान करती है और जीवन के स्तर को सुधारती है. गुरू मौनी बाबा की 104 साल की उम्र में सर्जरी करने के साथ कह सकते हैं कि स्पाइन सर्जरी के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं रही.’