scorecardresearch
 

9 साल की बहन, 14 साल का भाई, Crypto माइनिंग कर दोनों ने कमाए सवा करोड़

अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के 14 वर्षीय ईशान ठाकुर और उनकी 9 साल की बहन अनन्या ठाकुर ने क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से सात महीने में करीब 1 करोड़ 19 लाख रुपये कमा लिए हैं. पहली बार दोनों ने महज 223 रुपये कमाए थे.

Advertisement
X
अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के ईशान और अनन्या ठाकुर.
अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के ईशान और अनन्या ठाकुर.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • US में रहने वाले भारतीय भाई-बहन ने कर दिखाया कमाल
  • सात महीनों में क्रिप्टो करेंसी से कमाए 1 करोड़ 19 लाख रुपये

अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के 14 वर्षीय ईशान ठाकुर और उनकी 9 साल की बहन अनन्या ठाकुर ने क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से लाखों रुपये कमाए हैं. पिछले सात महीनों में दोनों ने 1 करोड़ 19 लाख के रुपये कमा लिए हैं. अकेले अक्टूबर महीने में ही ईशान और अनन्या ने करीब 47 लाख 61 हजार रुपये कमाए हैं.

Advertisement

सीएनबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के टेक्सास में रहने वाले ईशान हाईस्कूल में पढ़ते हैं और यूपीएन में मेडिसिन की पढ़ाई करना चाहते हैं, जबकि उनकी बहन अनन्या अभी चौथी क्लास में ही हैं जो न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी से मेडिकल की पढ़ाई करना चाहती हैं.

स्कूल की छुट्टियों के दौरान दोनों ने बिटकॉइन और एथेरियम जैसी क्रिप्टो करेंसी की माइनिंग करना शुरू किया. पहले दिन दोनों ने महज 223 रुपये ही कमाए थे. कुछ दिनों तक दोनों इतना ही कमाते रहे. फिर आगे जाकर दोनों ने ज्यादा कमाना शुरू किया.

ईशान ने अपने एलियनवेयर कंप्यूटर को ग्राफिक कार्ड के इस्तेमाल से ईथर माइनिंग रिग में बदल लिया ताकि क्रिप्टो करेंसी की हाई-फाई साइट्स चलाने में उन्हें कोई दिक्कत न हो. ईशान ने बताया कि क्रिप्टो करेंसी से जुड़ी जानकारी उन्होंने यूट्यूब और इंटरनेट से सीखी.

Advertisement

ईशान और अनन्या ने क्रिप्टो करेंसी में ट्रेंडिंग करना अप्रैल 2021 में शुरू किया. शुरुआत में पहली बार उन्होंने 3 डॉलर यानी करीब 225 रुपये प्रतिमाह कमाए. दोनों भाई-बहन इस बिजनेस में लगे रहे और पहले महीने की आखिर तक उन दोनों ने करीब 74 हजार रुपये कमा लिए. ईशान और अनन्या ने अप्रैल 2021 में अपनी कंपनी फ्लिफर टेक्नॉलोजीज को शुरू किया. इसके बाद दोनों भाई-बहनों ने अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए और मेहनत की.

ईशान कहते हैं, ''भले ही हम अब बहुत पैसा कमा रहे हैं. लेकिन अब हम अभी भी उतना ही गर्व महसूस करते हैं जितना कि उस समय करते थे जब हम केवल 223 रुपये प्रति दिन कमाते थे.''  उन्होंने कहा, ''हमारा मकसद सिर्फ पैसा कमाना नहीं था. हमें खुशी है कि हमने एक नई तकनीक के बारे में सीखा.''


 

Advertisement
Advertisement