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आडवाणी को याद आया 1969 का 'विवादित' राष्ट्रपति चुनाव

विपक्षी गठबंधन राजग के कार्यकारी अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी ने अगले महीने होने जा रहे राष्ट्रपति पद के चुनाव को 1969 में हुए चुनाव की तरह सनसनीखेज़ होने की संभावना बताई जिसमें कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार की हार हुई थी.

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लालकृष्ण आडवाणी
लालकृष्ण आडवाणी

विपक्षी गठबंधन राजग के कार्यकारी अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी ने अगले महीने होने जा रहे राष्ट्रपति पद के चुनाव को 1969 में हुए चुनाव की तरह सनसनीखेज़ होने की संभावना बताई जिसमें कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार की हार हुई थी.

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आडवाणी ने यहां राजग की बैठक के बाद संवादाताओं से बातचीत के दौरान कहा कि 19 जुलाई को होने वाला राष्ट्रपति पद का चुनाव हमें 1969 के चुनाव की याद दिलाता है. 1969 का राष्ट्रपति चुनाव ऐतिहासिक था और 2012 का यह चुनाव सनसनीखेज है.

उन्होंने कहा कि 1969 के राष्ट्रपति चुनाव में तत्कालीन प्रधानमंत्री (इंदिरा गांधी) ने कांग्रेस पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार को ‘अंतरात्मा की आवाज पर वोट देने’ की अपील कर हरवाया था.

आडवाणी ने कहा, ‘वह एक असाधारण चुनाव था, यह सनसनीखेज चुनाव है.’

भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि सरकार में सामंजस्य की कमी है. कोई चाहता है कि वित्त मंत्री कोई दूसरा हो, इसलिए प्रणब चले जाएं तो अच्छा है. कोई राष्ट्रपति के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नाम सुझा रहा है.

आडवाणी ने कहा, ‘राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद के लिए अब तक जो भी चुनाव हुए हैं, उनमें 1969 के चुनाव को असाधारण होने के अर्थ में प्रथम स्थान पर और 2012 के चुनाव को दूसरे स्थान पर रखा जा सकता है.’

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गौरतलब है कि राष्ट्रपति पद के लिए 1969 का चुनाव कई मायने में अनोखा रहा जब वी वी गिरि और नीलम संजीव रेड्डी के बीच कांटे का मुकाबला रहा. वी वी गिरि 4,20,077 मत प्राप्त कर विजयी रहे जबकि नीलम संजीव रेड्डी को 4,05,427 मत प्राप्त हुए. इस चुनाव में सी डी देशमुख की महत्वपूर्ण भूमिका रही जिन्हें 1,12,769 मत प्राप्त हुए.

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