उच्चतम न्यायालय ने 2जी मामले में गिरफ्तार पूर्व दूरसंचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरा को जमानत दे दी. न्यायालय ने सुनवाई अदालत द्वारा पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा के तत्कालीन निजी सचिव आर के चंदोलिया को दी गई जमानत को भी सही ठहराया है.
न्यायाधीश जी एस सिंघवी तथा केएस राधाकृष्णान की अदालत ने चंदोलिया को जमानत देने के सुनवाई अदालत के फैसले को बरकरार रखा. न्यायालय ने इस बारे में दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को भी खारिज कर दिया जिसने सुनवाई अदालत द्वारा जमानत देने पर रोक लगा दी थी.
बेहुरा को 2जी मामले में कथित भूमिका के लिए दो फरवरी 2011 को गिरफ्तार किया गया था. बेहुरा को 10 लाख रुपये के निजी मुचलके तथा पांच लाख रुपये की जमानत राशि देनी होगी.
बेहुरा को जमानत मिलने के बाद उनकी रिहाई सुनिश्चित होने के बाद इस मामले में अब केवल पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा ही जेल में रह जायेंगे क्योंकि द्रमुक सांसद कनीमोई सहित बाकी सभी आरोपियों को जमानत मिल चुकी है. बेहुरा और चंदोलिया को सीबीआई ने 2 फरवरी 2011 को ए. राजा के साथ गिरफ्तार किया था.
चंदोलिया इस मामले में उच्च न्यायालय द्वारा अपने आप लिये गये निर्णय के खिलाफ उच्चतम न्यायालय पहुंचे थे. उच्च न्यायालय ने चंदोलिया को विशेष अदालत से एक दिसंबर 2011 को दी गई जमानत को ‘निराधार और भ्रमपूर्ण’ बताते हुये स्थगित कर दिया था.
इस मामले में उच्च न्यायालय ने चंदोलिया को जमानत दिये जाने संबंधी समाचार रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लेते हुये उसे यह कहते हुये निलंबित कर दिया कि उसकी रिहाई से बेहुरा के जमानत याचिका पर असर पड़ेगा. उसके बाद उच्च न्यायालय ने बेहुरा को जमानत देने से इंकार कर दिया.