2जी केस में बुधवार को एक अहम सुनवाई हो रही है. गृहमंत्री पी चिदंबरम के खिलाफ सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका तो ट्रायल कोर्ट ने खारिज कर दी, लेकिन 2जी केस में सह-आरोपी बनाने की मांग पर जनता पार्टी अध्यक्ष अब भी अड़े हैं. ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ स्वामी की अर्जी की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में होने वाली है.
जनता पार्टी अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी 2जी केस में गृहमंत्री पी चिदंबरम का गला छोड़ने को तैयार नहीं हैं. पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा को जेल भिजवाने के बाद स्वामी हाथ धोकर गृह पी चिदंबरम के पीछे पड़े हैं.
2जी केस में गृहमंत्री पी चिदंबरम को सह आरोपी बनाने की सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका ट्रायल कोर्ट ने कुछ हफ्ते पहले खारिज कर दी थी, लेकिन स्वामी नहीं माने. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में उसी मामले की सुनवाई है.
सुब्रमण्यम स्वामी की अपील के अलावा सुप्रीम कोर्ट में एनजीओ- सेंटर फोर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन यानी सीपीआईएल के एप्लिकेशन पर भी सुनवाई होगी. सीपीआईएल ने 2जी केस में चिदंबरम की भूमिका की जांच की मांग की है.
कुल मिलाकर एक बार फिर गृहमंत्री पी चिंदबरम की सांसें अटकी रहेंगी और नजर रहेगी सुप्रीम कोर्ट पर.
वैसे 2जी केस में फंसी टेलीकॉम कंपनियों के लिए भी बुधवार अहम दिन है.
देश की सर्वोच्च अदालत उस पुनर्विचार याचिका की भी सुनवाई करेगी, जिसमें 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन के 122 लाइसेंस रद्द करने के आदेश को चुनौती दी गई है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने पिछले आदेश में पहले आओ पहले पाओ की नीति को गलत ठहराते हुए 122 लाइसेंस रद्द कर दिए थे. इस फैसले को तमाम टेलीकॉम कंपनियों के अलावा केंद्र सरकार और पूर्व संचार मंत्री ए राजा की तरफ से भी चुनौती दी गई है.