बहुचर्चित 2 जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले के प्रमुख आरोपी पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा ने कुछ राजनीतिक दलों और मीडिया पर स्पेक्ट्रम मुद्दे पर उनके खिलाफ झूठे आरोपों को काफी बढ़ाचढ़ाकर पेश करने को लेकर खूब बरसे.
द्रमुक के दलित चेहरे समझे जाने वाले राजा ने एक जनसभा में कहा कि यह मामला कुछ नहीं बल्कि मीडिया और कुछ राजनीतिक दलों द्वारा चीजों को सनसनीखेज बनाना है.
अपने संसदीय क्षेत्र नीलगिरि के रास्ते में यहां उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल ही अनुचित है. पिछले साल फरवरी में गिरफ्तारी के बाद से वह पहली बार अपने संसदीय क्षेत्र जा रहे थे.
यह दावा करते हुए वर्ष 2009 में केंद्रीय सतर्कता आयोग ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन से 22000 करोड़ रूपए का नुकसान होने का अनुमान लगाया जिसे कैग ने बढ़ाकर 1.76 लाख करोड़ रूपए कर दिया, उन्होंने कहा कि जांच एजेंसी सीबीआई ने उसे घटाकर 35000 करोड़ रूपए कर दिया.
उन्होंने आरोप लगाया कि मीडिया कुछ खबर पाने और सनसनी पैदा करने के लिए उनका पीछा कर रही है.
राजा ने दावा किया कि कई नेता भ्रष्टाचार के आरोपों से जूझ रहे हैं और उन पर आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है लेकिन यह मामला इन मामलों से काफी भिन्न है.
हाल ही में जमानत पर रिहा हुए द्रमुक नेता ने यह भी दावा किया कि उनके रिश्तेदारों और दोस्तों पर के घरों पर छापा मारने वाले जांच दल को वहां से बिना हिसाब किताब का कोई धन नहीं मिला.
यह जिक्र करते हुए कि वकील होने के नाते उन्होंने अदालत में इन्हीं बिंदुओं पर अपनी बात रखी , उन्होंने कहा, ‘फिलहाल यह मामला भिन्न दिशा में बढ़ रहा है.’
उन्होंने आशा जतायी कि नीलगिरि से शुरू हुई उनकी इंसाफ यात्रा सफलता में समाप्त होगी क्योंकि 15 महीने बाद वह सभी तथ्य जनता की अदालत में रख रहे हैं.
कोयंबटूर पहुंचने पर बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया.
दिल्ली की एक अदालत ने राजा की याचिका को स्वीकार करते हुए उन्हें आठ से 30 जून के बीच तमिलनाडु की यात्रा के लिए अनुमति दे दी थी.