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2जी: पीएम ने की अपने मंत्रियों से चर्चा

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में आए सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के सम्भावित नतीजों पर चर्चा के लिए शनिवार को अपने प्रमुख मंत्रिमंडलीय सहयोगियों के साथ बैठक की.

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प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में आए सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के सम्भावित नतीजों पर चर्चा के लिए शनिवार को अपने प्रमुख मंत्रिमंडलीय सहयोगियों के साथ बैठक की.

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ज्ञात हो कि सर्वोच्च न्यायालय ने दो फरवरी के अपने ऐतिहासिक फैसले में तत्कालीन केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ए.राजा द्वारा 2007 और 2008 में आवंटित 2जी स्पेक्ट्रम के 122 लाइसेंस रद्द कर दिए थे. न्यायालय ने नीलामी के जरिए लाइसेंस जारी करने और 22 सेवा क्षेत्रों में 2जी स्पेक्ट्रम आवंटित करने के लिए फिर से सिफारिश करने हेतु भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) को दो महीने का समय दिया था.

प्रधानमंत्री के सात, रेसकोर्स मार्ग स्थित सरकारी आवास पर हुई इस बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी, केंद्रीय संचार मंत्री कपिल सिब्बल और केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद के साथ ही महान्यायवादी जी.ई. वाहनवती ने भी हिस्सा लिया.

प्रधानमंत्री ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर वाहनवती से राय मांगी है. समझा जाता है कि इस बैठक में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रद्द किए गए 2जी लाइसेंसों की नीलामी के लिए दिशानिर्देशों पर चर्चा हुई है. बैठक में सम्भवत: 2जी लाइसेंस रद्द किए जाने के नतीजों और दूरसंचार क्षेत्र पर होने वाले इसके असर के बारे में भी चर्चा हुई है.

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सरकार को रद्द किए गए 2जी लाइसेंस की नीलामी के लिए दिशानिर्देश तय करने और उन्हें प्रभावी बनाने की सारी कसरत सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित चार महीने में पूरी करनी है. न्यायालय ने 122 लाइसेंस की दोबारा नीलामी होने तक मौजूदा ऑपरेटरों को अपनी सेवाएं जारी रखने की छूट दे रखी है.

सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले में 2जी लाइसेंस आवंटन के लिए पहले आओ पहले पाओ की नीति को दोषपूर्ण करार दे दिया था और लाइसेंस की नीलामी का समर्थन किया था. प्रधानमंत्री की यह बैठक इसलिए भी महत्व रखती है, क्योंकि नार्वे और रूस अपनी सरकारी स्वामित्व वाली कम्पनियों, क्रमश: टेलीनॉर और सिस्टेमा द्वारा किए गए निवेशों की सुरक्षा के लिए सरकार पर दबाव बना रहे हैं.

नार्वे ने इस मुद्दे पर भारत के साथ पहले ही कूटनीतिक प्रयास शुरू कर दिए हैं. रूसी संचार मंत्री इगोर शचियोगोलेव भारतीय दूरसंचार क्षेत्र में सिस्टमा द्वारा किए गए निवेश की सुरक्षा पर सिब्बल के साथ बातचीत करने जल्द ही भारत आने वाले हैं. सिस्टमा ने संयुक्त उपक्रम, सिस्टमा श्याम टेलीसर्विसिज (एसएसटीएल) में निवेश किया है.

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