कर्नाटक विधानसभा की कार्यवाही के दौरान कथित रूप से अश्लील वीडियो देखने के मामले में फंसे भाजपा के तीन मंत्रियों ने पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व के निर्देशों के आगे झुकते हुए इस्तीफा दे दिया.
इस घटना को लेकर भाजपा सरकार के शर्मिंदगी झेलने के एक दिन बाद मुख्यमंत्री डीवी सदानंद गौडा की अध्यक्षता में वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई जिसके बाद तीनों आरोपी मंत्रियों को पार्टी कार्यालय बुलाया गया और उनसे इस्तीफा देने के लिए कहा गया.
सहकारिता मंत्री लक्ष्मण सावदी, महिला एवं बाल विकास मंत्री सीसी पाटिल और बंदरगाह तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री कृष्णा पालेमर ने शीर्ष नेताओं के साथ बैठक के बाद इस्तीफा देने का फैसला किया.
सावदी ने भाजपा कार्यालय के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘हम पार्टी और सरकार की अब और किरकिरी नहीं चाहते हैं. हम सभी ने मंत्री पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है.’ सावदी और पाटिल ने मांग की कि राज्य विधानसभा अध्यक्ष केजी बोपैया को जांच समिति गठित करके अश्लील वीडियो फुटेज देखने के मामले की जांच करानी चाहिए. उन्होंने विश्वास जताया कि जांच में वे इन आरोपों से मुक्त हो जाएंगे.
सावदी को कथित रूप से अश्लील फिल्म क्लिपिंग उपलब्ध कराने वाले पालेमर ने कहा कि वह इस मुद्दे को लेकर कानूनी कदम उठाने पर विचार कर रहे हैं. कर्नाटक में भाजपा सरकार के लिए मंगलवार को उस समय शर्मसार करने वाली स्थिति उत्पन्न हो गई थी जब फुटेज में राज्य विधानसभा की कार्यवाही के दौरान दो मंत्रियों को मोबाइल फोन पर कथित तौर पर अश्लील वीडियो देखते हुए दिखाया गया.
भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी के निर्देशों के तहत, गौडा ने पार्टी कार्यालय में राज्य पार्टी प्रमुख के एस ईश्वरप्पा, पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा, वरिष्ठ मंत्रियों जगदीश शेट्टर और गोविंद करजोल के साथ बैठक की और तीनों मंत्रियों से इस्तीफा देने के लिए कहा.
सावदी और पाटिल ने कहा कि वे गौडा को अपना इस्तीफा सौपेंगे और उनसे आग्रह करेंगे कि वह इसे स्वीकार करें. सावदी और पाटिल ने इस मामले को जरूरत से ज्यादा बढावा देने के लिए मीडिया को जिम्मेदार ठहराया.
सावदी ने कहा कि वे पार्टी और सरकार को शर्मिंदगी से बचाने के लिए इस्तीफा दे रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘हम मुख्यमंत्री, येदियुरप्पा और ईश्वरप्पा से हमारा इस्तीफा स्वीकार करने की अपील करते हैं.’ सावदी ने कहा, ‘हम विधानसभा अध्यक्ष से अपील करते हैं कि वह जांच का आदेश देकर सच सामने लाएं. हम किसी भी तरह की जांच के लिए तैयार हैं.’
उन्होंने कहा, ‘मीडिया हम लोगों को पूरे राज्य में अपराधियों की तरह दिखा रही है.’ एक सवाल के जवाब में सावदी ने कहा कि वे स्वेच्छा से पद छोड़ रहे हैं और उन पर ऐसा करने के लिए कोई दबाव नहीं है.
पालेमर ने कहा कि वह नहीं जानते कि इस तरह की क्लिपिंग कैसे एक दूसरे को भेजी जाती हैं. उन्होंने भरोसा जताया कि वह जांच में निर्दोष साबित होंगे.
पालेमर ने कहा कि जब कोई आरोप लगा हो तो मंत्री पद पर बने रहना सही नहीं होता है. इस मुद्दे को लेकर गलत धारणा है और इस मुद्दे की जांच होने दीजिये.
सावदी ने एक अनोखे बचाव में मंगलवार रात को कहा था कि इस क्लिपिंग में कुछ पुरुष एक महिला के साथ नृत्य कर रहे हैं और फिर ये पुरुष इस महिला का सामूहिक बलात्कार करते हैं. बलात्कारियों को बाद में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जाता है और लोग उन पर पत्थर फेंकते हैं.
सावदी ने कहा कि सदन में रेव पार्टी पर चर्चा के संदर्भ में वह यह वीडियो देख रहे थे.