कम से कम 300 लोग लापता हो गए हैं. किसी से भी संपर्क नहीं हो पा रहा. इन्हें तलाशने के लिए जो कोशिशें की जानी चाहिए, वो भी नहीं हो पा रहीं. ये लोग तीन नावों में सवार होकर स्पेन जा रहे थे. जो बीच रास्ते में ही लापता हो गई. इसकी जानकारी स्पेन के सहायता समूह वॉकिंग बॉर्डर्स (कैमिनैन्डो फ्रंटर्स) ने दी है. समूह की समन्वयक हेलेना मैलेनो गारजोन का कहना है कि सेनेगल से दो नाव 23 जून को करीब 100 लोगों को लेकर निकली थीं. जबकि तीसरी नाव चार दिन बाद 200 लोगों को लेकर निकली.
उन्होंने बताया कि इन लोगों को ढूंढना है. समुद्र में ये लापता हो गए हैं. जो कि सामान्य नहीं है. उनकी तलाश के लिए हमें और ज्यादा विमानों की आवश्यकता है. जब से नाव रवाना हुई हैं, तभी से उनसे संपर्क नहीं हो पाया है. मामले में यूरोपीय देश स्पेन और पश्चिम अफ्रीकी देश सेनेगल के अधिकारियों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. लापता लोग अटलांटिक महासागर के रास्ते से स्पेन में दाखिल होने के लिए निकले थे. जो दुनिया के सबसे खतरनाक समुद्री रास्तों में से एक है. रास्ता कितना खतरनाक है, इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि इस साल की पहली छमाही में करीब 800 लोग या तो मारे गए थे या लापता हो गए.
खतरनाक रास्ते से गुजरकर आते हैं लोग
स्पेन के गृह मंत्रालय ने जानकारी दी है कि हाल के वर्षों में देश के कैनरी आइलैंड तक पहुंचने के लिए ये खतरनाक रास्ता प्रमुख मार्गों में से एक बन गया है. यहां से 2020 में 23,000 से ज्यादा प्रवासी आए थे. इस साल के शुरुआती छह महीनों में 7000 से अधिक प्रवासी आए. प्रवासियों को स्पेन लेकर आने वाली नाव मुख्य रूप से अफ्रीकी देशों मॉरिटानिया, मोरक्को और पश्चिमी सहारा से आती हैं. हालांकि सेनेगल से कम ही नाव आती हैं. वहीं जून के बाद से अभी तक कम से कम 19 नाव सेनेगल से कैनरी आइलैंड पर आई हैं.
ये वो देश हैं, जिनकी अर्थव्यवस्था गर्त में जा रही है, नौकरियों की भारी कमी है, चरमपंथियों की हिंसा बढ़ रही है, राजनीतिक अशांति है और जलवायु परिवर्तन समेत कई कारक लोगों की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं. इसी वजह से वो बेहतर जिंदगी की तलाश में अपने घर छोड़कर कैनरी आइलैंड तक पहुंचने के लिए ऐसे खतरनाक रास्ते या यूं कहें तरीकों का इस्तेमाल करते हैं.