भारत में बाघों को बचाने के लिए कड़े कदम उठाए गए हैं, इसके बावजूद इस वर्ष अब तक करीब 32 बाघों की मौत हो चुकी है. इनमें से लगभग 14 बाघ अवैध शिकार की भेंट चढ़ गए. मंगलवार को यह जानकारी संसद को दी गई.
केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री जयंती नटराजन ने राज्यसभा को बताया कि 32 में से 14 बाघ अवैध शिकार में मारे गए और 18 की स्वाभाविक मौत हुई.
उन्होंने बताया कि अवैध शिकार की रोकथाम के लिए कई तरह के उपाय किए जाने के बावजूद अभयारण्य के भीतर दो बाघों का अवैध शिकार किया गया जबकि 12 अभयारण्य के बाहर मरे.
जयंती ने संसद को बताया कि वर्ष 2001 से लेकर अब तक देश ने 476 बाघ खो दिए. इनमें से 185 का अवैध शिकार किया गया और 291 की स्वाभाविक मौत हुई.
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2010 में हुए बाघों की गणना में बताया गया था कि देश में 1,706 बाघ हैं.