दिल्ली में एक अस्पताल द्वारा चलाए गए एक अभियान में किशोरों सहित 400 से अधिक लोगों ने अंगदान के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है. अंगदान अभियान सीओआरडी) के तहत अंग दाताओं और अस्पताल के अधिकारियों ने सरकार से स्कूली पाठ्यक्रम में अंगदान को शामिल करने का आग्रह किया.
सीओआरडी को जून के महीने से शुरू किया गया था. सीओआरडी के कार्यक्रम की प्रमुख और सरोज सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल की वरिष्ठ अधिकारी हिमांशी चावला ने कहा, 'हमने अपने अभियान के तहत 460 अंगदाताओं का रजिस्ट्रेशन किया है. हमारा लक्ष्य हर दिन औसतन तीन अंगदाताओं का रजिस्ट्रेशन करना था. यह दिल्ली की जनता के बीच अंगदान की स्वीकृति और अधिक से अधिक समझ की दिशा में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है.'
उन्होंने कहा कि इस अभियान के दूसरे चरण में वह कॉलिजों, विश्वविद्यालयों, कॉरपोरेट, पीएसयू आदि में इस बारे में जागरुकता फैलाने पर ध्यान किया जाएगा. वह पारंपरिक और सामाजिक मीडिया, सामुदायिक भागीदारी और सामाजिक आंदोलनों की भागीदारी के व्यापक उपयोग के माध्यम से जागरुकता फैलाएंगी.
वह इस अभियान के दौरान हुए पंजीकरण की संख्या का ऐलान करने के लिए आयोजित एक सम्मेलन में बोल रही थीं. सरोज सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल के निदेशक पी.के. भारद्वाज ने कहा कि अंगदाताओं की जरूरत कभी भी बड़ी नहीं रही, कोई भी अंगदाता बन सकता है. अंगदाता की चिकित्सा स्थिति निर्धारित करती है कि किन अंगों को दान किया जा सकता है. एक अंगदाता आठ लोगों का जीवन बचा सकता है.
-इनपुट IANS