रिसर्चर्स की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने ये पता लगा लिया है कि 45,000 साल पुरानी एक महिला दिखने में कैसी थी. उसके अवशेष 70 साल पहले मिले थे. महिला की शरीर से अलग खोपड़ी मिली थी. इसे साल 1950 में चेक गणराज्य में एक गुफा में दफन पाया गया था. इसे जेनेटिकली सीक्वेंस के हिसाब से सबसे पुराना आधुनिक मानव माना जा रहा है. बीते महीने प्रकाशित एक ऑनलाइन पेपर के अनुसार, वैज्ञानिकों ने उसकी रीकन्सट्रक्टिड खोपड़ी के 2018 के सीटी स्कैन के डाटा का इस्तेमाल करके डिजिटल चेहरा बनाया है.
न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, इस तस्वीर में महिला गहरे रंग वाले घुंघराले बाल, हल्की भूरी त्वचा और भूरी आंखों वाली दिख रही है. दिलचस्प बात ये पता चली है कि नौ टुकड़ों वाली खोपड़ी प्राग में राष्ट्रीय संग्रहालय के मानव विज्ञान विभाग की देखरेख में है, और रिसर्चर्स के पास अपने फेशियल एक्सपेरीमेंट के लिए उन हड्डियों तक पहुंच नहीं थी. इस स्टडी के लेखकों ने बताया कि खोपड़ी से नाक की हड्डी का हिस्सा, मैक्सिला का हिस्सा, बाईं ऑर्बिट और फ्रटल हड्डी का बायां हिस्सा गायब है.
खोपड़ी के बारे में क्या जानकारी मिली?
ब्राजीलियाई डिजाइनर और स्टडी के सह-लेखक सिसरो मोरेस ने लाइव साइंस को बताया, 'खोपड़ी के बारे में एक दिलचस्प जानकारी यह है कि महिला की मृत्यु के बाद इसे एक जानवर ने कुतर दिया था. ये जानवर भेड़िया या लकड़बग्घा हो सकता है (उस समय ये दोनों जीव मौजूद थे).' महिला के निएंडरथल वंश की ओर इशारा करते हुए, मोरेस ने उसके 'मजबूत' जबड़े और बड़े मस्तिष्क पर भी ध्यान दिया है. उनका कहना है, 'हमने ऐसे तत्वों की तलाश की, जो चेहरे के विजुएल स्ट्रक्चर को केवल अनुमान के स्तर पर बना सके, क्योंकि त्वचा, बालों और आंखों का रंग क्या होगा, इस पर कोई डाटा उपलब्ध नहीं कराया गया था.'
कैसे बनाए गए चेहरे के फीचर?
उन्होंने आगे कहा, 'जब एक बार हमें महिला के मूल चेहरे के बारे में पता चला गया तो हमने अधिक वैज्ञानिक तस्वीरें बनाईं, बिना रंग (ग्रेस्केल में), आंखें बंद करके और बिना बालों के भी. बाद में, हमने रंजित त्वचा, खुली आंखों, फर और बालों के साथ एक काल्पनिक वर्जन बनाया.' मोरेस और उनकी टीम ने चेहरे का 3डी वर्जन बनाने के लिए एक तकनीक का उपयोग किया है. इन निष्कर्षों की जानकारी मई महीने में दी गई थी.