डेनमार्क के स्टेवन्स क्लिफ्स (Cliffs of Stevns) से एक हैरान करने वाली खोज सामने आई है. वैज्ञानिकों ने 66 मिलियन साल पुरानी शार्क की उल्टी (फॉसिलाइज़्ड वोमिट) खोजी है. इसे राष्ट्रीय धरोहर का दर्जा दिया गया है. यह खोज नवंबर 2023 में एक शौकिया जीवाश्म खोजी पीटर बेनिके (Peter Bennicke) ने की थी.
विशेषज्ञों के अनुसार, यह उल्टी क्रेटेशियस काल (Cretaceous Period) की है, जब यूरोप कई द्वीपों में बंटा हुआ था और समुद्र का जलस्तर ऊंचा था. इस उल्टी के बारे में डेनमार्क के जियोम्यूज़ियम फाक्से (Geomuseum Faxe) के क्यूरेटर डॉ. जेस्पर मिलान बताते हैं कि प्राचीन समुद्री शिकारी शार्क ने सी लिली नामक जीवों को खा लिया था, लेकिन चूंकि वे ज्यादातर कंकाल जैसी संरचना वाले होते हैं, इसलिए शार्क ने उन्हें पचा नहीं पाया और उल्टी कर दी.
कैसे बनी यह उल्टी जीवाश्म?
डॉ. मिलान ने कहा कि सी लिली खाने के लिए अच्छे नहीं होते, क्योंकि वे लगभग पूरी तरह से हड्डियों से बने होते हैं. इसलिए शार्क ने जो संभव था, उसे खा लिया और बाकी निकाल दिया.यह उल्टी सफेद चॉक क्लिफ्स के पास मिली, जो यूनेस्को द्वारा संरक्षित एक महत्वपूर्ण भूवैज्ञानिक स्थल है.
नीदरलैंड के समुद्री जीव विशेषज्ञ जॉन जैग्ट (John Jagt) ने पुष्टि की कि इस उल्टी में दो अलग-अलग प्रजातियों की सी लिली के अवशेष पाए गए हैं. इन अवशेषों में केवल उनका अपचनीय कंकाल भाग ही मौजूद है.
66 मिलियन साल पुरानी उल्टी क्यों महत्वपूर्ण है?
यह खोज वैज्ञानिकों को उस युग की समुद्री पारिस्थितिकी और जीवों की खाने की आदतों को समझने में मदद करेगी. डॉ. मिलान के अनुसार, फॉसिलाइज्ड उल्टी को वैज्ञानिक भाषा में 'रेगर्जिटलाइट' (Regurgitalite) कहा जाता है. हालांकि, यह दुनिया की सबसे पुरानी उल्टी नहीं है. जर्मनी में इससे भी पुरानी, 150 मिलियन साल पुरानी उल्टी पाई जा चुकी है.
राष्ट्रीय धरोहर घोषित, बिक्री नहीं होगी
डेनमार्क की सरकार ने इस उल्टी को असाधारण प्राकृतिक ऐतिहासिक महत्व की वस्तु के रूप में वर्गीकृत किया है. इसका मतलब है कि यह उल्टी अब सरकार की संपत्ति है और इसे न बेचा जा सकता है, न ही कहीं और ले जाया जा सकता है. डॉ. मिलान ने गर्व से कहा कि यह दुनिया की सबसे प्रसिद्ध उल्टी है.