कर्नाटक में पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा की ओर से बीजेपी को दी गई डेडलाइन मंगलवार शाम खत्म हो रही है. वो इससे पहले ही मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए फैसला करने का दबाव बना रहे हैं. उनके समर्थक विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेंगे या नहीं.. ये भी साढ़े नौ बजे की मीटिंग में तय होगा.
बैंगलोर के इस रिजॉर्ट में 67 से ज्यादा विधायकों के साथ बैठे येदियुरप्पा ने बीजेपी आलाकमान को हलकान कर रखा है. मांग है- दोबारा मुख्यमंत्री के पद पर बहाल किया जाए और पार्टी हाईकमान को मंगलवार शाम तक की डेडलाइन दे रखी है.
येदियुरप्पा की दलील है कि जिस खनन घोटाले में उनकी कुर्सी छिनी, उसमें क्लीनचिट मिल चुकी है और दम ठोक रहे हैं अपनी ताकत का.
बीजेपी में बगावत ही नहीं. मुश्किल खड़ी कर रखी है कर्नाटक की सदानंद गौड़ा सरकार के लिए भी. येदियुरप्पा के समर्थन में रिजॉर्ट में जमे विधायक धमकी दे रहे हैं विधानसभा बजट सत्र के बहिष्कार की. पार्टी बैकफुट पर है और संयम बरतने की सलाह दे रहे हैं गडकरी.
कर्नाटक विधानसभा के 224 सदस्यों में बीजेपी के पास स्पीकर समेत 120 विधायक हैं और येदियुरप्पा का दावा है कि उनके पास 100 विधायकों और मंत्रियों का समर्थन है.
रिजॉर्ट पॉलिटिक्स से इसी दावे की गंभीरता का एहसास करा रहे हैं येदियुरप्पा और बता रहे हैं कि अगर कुर्सी ना मिली तो कर्नाटक में क्या हाल होगा बीजेपी का.