उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण के प्रत्याशियों में कम से कम 76 उम्मीदवार आपराधिक पृष्ठभूमि के हैं.
नेशनल इलेक्शन वॉच ने अपनी ताजा रिपोर्ट में दावा किया है कि पांचवें चरण के लिए पर्चा भरने वाले उम्मीदवारों में से 248 के नामांकन दस्तावेजों का विश्लेषण पर पाया गया है कि उनमें से 76 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं.
लगभग सभी पार्टियों ने दागी लोगों को टिकट दिये हैं, जिनमें सपा ने सबसे ज्यादा ऐसे 24 उम्मीदवारों को टिकट दिया है. कांग्रेस ने दागी रिकार्ड वाले 14, भाजपा ने 13, बसपा ने 12, जनता दल यूनाइटेड ने छह, बुंदेलखण्ड कांग्रेस ने चार, पीस पार्टी ने दो तथा अपना दल ने एक प्रत्याशी को टिकट दिया है, जिनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं.
आपराधिक पृष्ठभूमि वाले 76 उम्मीदवारों में से 35 के खिलाफ हत्या, कत्ल की कोशिश, अपहरण, लूट तथा अवैध वसूली जैसे जघन्य अपराधों के मुकदमे दर्ज हैं.
विश्लेषण के दायरे में लिये गये 248 उम्मीदवारों में से 118 यानी 47 प्रतिशत प्रत्याशी करोड़पति हैं. वर्ष 2007 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण में 22 प्रतिशत करोड़पति उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे थे.
गोविंदनगर सीट से निर्दलीय प्रत्याशी बलवीर सिंह पांचवें चरण में ताल ठोंक रहे उम्मीदवारों में सबसे धनी हैं. उनके पास 47 करोड़ 80 लाख रुपए की जायदाद है. उनके बाद झांसी से कांग्रेस के प्रत्याशी बृजेन्द्र कुमार व्यास की बारी आती है, जिनके पास 24 करोड़ नौ लाख रुपए की सम्पत्ति है.
रिपोर्ट के मुताबिक पांचवें चरण में चुनाव लड़ रहे 840 उम्मीदवारों में से सिर्फ 90 महिलाएं हैं.