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सभी को मिला एक ही मैसेज, हैरान-परेशान हुए 8000 लोग, लगे रोने...

अस्पताल की ओर से मैसेज में मरीजों को बताया गया कि वे जानलेवा फेफड़ों के कैंसर का शिकार हैं. कैंसर की बात जानकर मरीजों की आंखों में आंसू आ गए और वे अपने परिजनों से जानकारी जुटाने लगे. हालांकि, बाद में जब सच्चाई पता चली तो सबने राहत की सांस ली और खुशी जाहिर की.

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मैसेज पढ़ हैरान रह गए मरीज (सांकेतिक फोटो- गेटी)
मैसेज पढ़ हैरान रह गए मरीज (सांकेतिक फोटो- गेटी)

एक अस्पताल में भर्ती हजारों मरीज उस वक्त हैरान रह गए जब उन्हें एक 'दुखद' मैसेज मिला. इस मैसेज में उन्हें बताया गया कि वे जानलेवा फेफड़ों के कैंसर का शिकार हैं. कैंसर की बात जानकर मरीजों की आंखों में आंसू आ गए और वे अपने परिजनों से जानकारी जुटाने लगे. हालांकि, बाद में जब सच्चाई निकलकर सामने आई तो सबने राहत की सांस ली. मामला ब्रिटेन के Doncaster का है. 

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बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, Askern Medical Practice को मरीजों को क्रिसमस का मैसेज भेजना था लेकिन गलती से मेडिकल स्टाफ ने कैंसर वाला मैसेज भेज दिया. बाद में स्टाफ ने गलती सुधारते हुए क्रिसमस विश किया मगर तब तक मरीजों में पैनिक फैल चुका था. 

8000 मरीजों को आया 'जानलेवा मैसेज'

बताया गया कि Askern Medical ने अपने करीब 8000 मरीजों को क्रिसमस की जगह कैंसर वाला मैसेज भेजा था. इस मैसेज में लिखा था- आपको घातक लंग कैंसर हुआ है. मैसेज में कैंसर का प्रकार भी लिखा हुआ था साथ ही मरीजों को एक मेडिकल फॉर्म भरने का निर्देश दिया गया था. 

मैसेज मिलते ही मरीजों के चेहरे की हवाईयां उड़ गईं. कई लोग अपने-अपने परिजनों को कॉल कर जानकारी जुटाने लगे. अस्पताल में अफरातफरी का माहौल होने लगा. तभी एक घंटे बाद मरीजों अस्पताल की ओर से एक और मैसेज मिला. 

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मरीजों को मिला मैसेज

इसमें पहले मैसेज के लिए माफी मांगी गई. मैसेज में बताया गया कि वो क्रिसमस की शुभकामनाएं भेज रहे थे लेकिन गलती से कैंसर वाला मैसेज सेंड हो गया. अस्पताल ने अपने मैसेज में लिखा- पिछले संदेश के लिए ईमानदारी से क्षमा चाहते हैं. हम आपको क्रिसमस और नए साल की शुभकामनाएं देते हैं. 

मरीजों में फैला डर 

इस पूरे घटनाक्रम ने मरीजों में डर फैला दिया. 57 साल के एक मरीज क्रिस रीड ने कहा- मैं अपनी रिपोर्ट्स का इंतजार कर रहा था तभी मैसेज मिला कि मुझे कैंसर है. ये पढ़ते ही मैं डर गया. मैं अंदर तक हिल गया था और रोने लगा था. 

एक अन्य मरीज सारा हारग्रेव्स ने बताया कि वह भी उस समय कैंसर की जांच के नतीजों का इंतज़ार कर रही थीं और जब उन्हें मैसेज मिला तो वो पूरी तरह से टूट गईं.  उन्हें यकीन नहीं हुआ कि ऐसी संवेदनशील खबर टेक्स्ट मैसेज द्वारा साझा की जा रही है. 
 

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