कर्नाटक में पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा के नौ समर्थक मंत्रियों के इस्तीफे वापस लिए जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को कहा कि राज्य के राजनीतिक संकट का समाधान निकलता दिख रहा है.
इन नौ बागी मंत्रियों ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री डी.वी. सदानंद गौड़ा को हटाने व उनके स्थान पर येदियुरप्पा के वफादार जगदीश शेट्टार को नियुक्त किए जाने की मांग करते हुए इस्तीफे दे दिए थे.
कर्नाटक में भाजपा के प्रभारी धर्मेश प्रधान ने दिल्ली में घोषणा की कि इस्तीफे देने वाले मंत्रियों ने हाईकमान के साथ विचार-विमर्श के बाद बिना शर्त अपने इस्तीफे वापस ले लिए हैं. उन्होंने कहा कि उचित समय पर उचित कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि कर्नाटक में हम राजनीतिक समाधान की ओर आगे बढ़ रहे हैं. मुख्यमंत्री ने भी मंत्रियों के दोबारा मंत्रिमंडल में शामिल होने पर खुशी जतायी है. उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान स्थिति पर नजर रखे हुए हैं.
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी सहित केंद्रीय नेतृत्व गौड़ा को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने की मांग के खिलाफ हैं. पार्टी सूत्रों का कहना है कि भाजपा नेता अरुण जेटली के बागी मंत्रियों से बात किए जाने के बाद यह संकट टल सका.
गडकरी के बेटे के सोमवार शाम आयोजित विवाह समारोह में शामिल होने के लिए दिल्ली रवाना हुए गौड़ा ने बैंगलोर में कहा कि वह केंद्रीय नेतृत्व से इस संकट पर बात करेंगे. गौड़ा ने बैंगलोर के लिए रवाना होने से पहले दिल्ली में कहा कि मेरे केंद्रीय नेतृत्व ने इस संकट पर बातचीत के लिए मुझे बुलाया है.
राज्य के जल संसाधन मंत्री व येदियुरप्पा के वफादार बासवराज बोम्मई ने कहा कि हमने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) हाईकमान से संकट के समाधान में मदद का आश्वासन मिलने के बाद इस्तीफे वापस लेने का फैसला किया है.
इस्तीफे देने वाले मंत्रियों में जगदीश शेट्टार, राजू गौड़ा, सी.एम. उडासी (लोक निर्माण कार्य), मुरुगेश निरानी (उद्योग), वी. सोमण (आवास), उमेश कट्टी (कृषि), बासवराज बोम्मई (जल संसाधन), रेवू नाइक बेलामागी (पुस्तकालाय और पशुपालन) व एम.पी. रेणुकाचार्य (उत्पाद शुल्क) शामिल हैं.