सरकार ने कहा कि यह तय करना एयर इंडिया के प्रबंधन की जिम्मेदारी है कि काम करने के बजाय हड़ताल कर रहे पायलटों को कब तक उनके पेरोल पर रखा जा सकता है. इस बीच सरकारी एयरलाइन के सूत्रों ने कहा है कि शेष 300 पायलटों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने यह भी संकेत दिया कि उन्हें बर्खास्त किया जा सकता है.
नागरिक उड्डयन मंत्री अजित सिंह ने कहा कि अब जो करना है वह एयर इंडिया के प्रबंधन को करना है. 30 दिन से भी अधिक समय से पायलट काम पर नहीं आ रहे हैं. यह एक अवैध हड़ताल है. उन्होंने उच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन किया है.
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि हमने उनसे बार बार काम पर आने का अनुरोध किया. इसलिए अब प्रबंधन यह तय करेगा कि जब वह काम नहीं कर रहे हैं तो उन्हें उनके पेरोल पर कब तक रखा जा सकता है और उनका इरादा काम पर वापस आने का नहीं है.
इंडियन पायलट्स गिल्ड (आईपीजी) से जुड़े एयर इंडिया के करीब 400 पायलट सात मई से हड़ताल पर हैं और 101 पायलटों की सेवा समाप्त की जा चुकी है.