पूर्व राष्ट्रपति ए. पी. जे. अब्दुल कलाम द्वारा राष्ट्रपति चुनाव से खुद को अलग कर लिए जाने के फैसले में तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दुखी हैं.
ममता ने राजनेताओं पर लोगों के कम होते विश्वास के लिए कुर्सी के नीचे होने वाली लेन-देन को जिम्मेदार ठहराया.
ममता ने फेसबुक पर किए अपने ताजा पोस्ट में लिखा, 'कलाम साहब, आपने हमारे दिलों और जज्बे को छुआ है. मैंने आपका बयान देखा है कि आप चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. इस खबर से हम सभी को बहुत दुख पहुंचा है. आप जनता के राष्ट्रपति थे और आपने पद पर रहते हुए राष्ट्रपति और आम लोगों के बीच की दूरी को पाटा था.'
ज्ञात हो कि ममता ने समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख मुलायम सिंह यादव के साथ एक साझा प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस की पसंद प्रणब मुखर्जी की उम्मीदवारी को खारिज करते हुए कलाम सहित प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी के नाम राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में सुझाए थे.
इसके कुछ घंटों के बाद ही सपा ने मुखर्जी की उम्मीदवारी के औपचारिक ऐलान पर उनके समर्थन की घोषणा कर दी. इसके बाद ममता ने कहा था कि खेल अभी खत्म नहीं हुआ है.
ममता ने अपने पोस्ट में लिखा, 'दुख में तीन-चार दिन इंतजार करने के बाद कुछ राजनीतिक दलों ने लोगों की आंकाक्षाओं के अनुरूप एक ऐसे व्यक्ति को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने के मसले का समर्थन नहीं किया, जो युवाओं के प्रेरणास्रोत हैं.'
ममता ने मुलामय और कांग्रेस पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधते हुए लिखा, 'राजनीतिज्ञों पर लोगों का विश्वास बहुत कम हुआ है, जो भ्रष्टाचार और कुर्सी के नीचे की लेन-देन में लगे हैं.'
उन्होंने उम्मीद जताई, 'देश के लोग राजनीति को साफ-सुथरी बनाने और इसमें ईमानदारी और मूल्यों की वापसी के लिए जरूर खड़े होंगे.'