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विदेशों में पड़ा है आईपीएल की कोच्चि टीम के हिस्सेदार का काला धन

आईपीएल की कोच्चि टीम में हिस्सेदार मेहताब्रदर्स के कालेधन का खुल गया है कच्चा चिट्ठा. आजतक के हाथ आए दस्तावेज के मुताबिक इन्होंने जर्मनी के लाइन्चेस्टाइन बैंक ने जिन 25 भारतीयों के नाम भारत सरकार को दिए हैं उसमें मेहता ब्रदर्स का भी नाम है.

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हर्षद मेहता
हर्षद मेहता

आईपीएल की कोच्चि टीम में हिस्सेदार मेहताब्रदर्स के कालेधन का खुल गया है कच्चा चिट्ठा. आजतक के हाथ आए दस्तावेज के मुताबिक इन्होंने जर्मनी के लाइन्चेस्टाइन बैंक ने जिन 25 भारतीयों के नाम भारत सरकार को दिए हैं उसमें मेहता ब्रदर्स का भी नाम है. प्रबोध मेहता के खिलाफ बेल्जियम में मनी लॉड्रिंग का मुकदमा भी चल रहा है.

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दिलीप मेहता (सीईओ रोजी ब्लू), अरुण मेहता, हर्षद मेहता तीनों भाई हैं और दुनिया की जानीमानी डायमंड कंपनी के मालिक हैं. इनमें से हर्षद मेहता की आईपीएल कोच्ची टीम में हिस्सेदारी है.

चौथे व्यक्ति का का नाम है प्रबोध मेहता. प्रबोध भी हीरा के बड़े कारोबारी हैं औऱ उनकी कंपनी का नाम है जेंबल ग्रुप.

इन चारों लोगों ने मिलकर विदेशों में ट्रस्ट और कंपनियों का ऐसा मकड़जाल तैयार किया जिसके जरिये टैक्स की करोड़ो की चोरी की गई. यानी ये वो लोग हैं जिनका काला धन विदेशों में पड़ा हुआ है. जर्मनी सरकार ने जिन 25 लोगों के नाम भारत सरकार को दिए हैं उनमें ये चारों शामिल हैं.

आजतक के पास उन एकाउंट्स औऱ कंपनियों का कच्चा चिट्ठा है जिनकी आड़ में इनलोगों ने करोड़ों का कालाधन छिपा रखा है.

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अब जरा इनका खेल समझिए. मेहता बंधुओं ने ड्राएड और डाइनीज फाउंडेशंस नाम के दो ट्रस्ट बनाए और इन ट्रस्टों के नाम एक के बाद एक कई कंपनियों खोलते गये. आरोप ये है कि टैक्स चोरी के इरादे से इनलोगों ने अपनी कंपनियों और ट्रस्ट के लिये वो देश और जगहें चुनीं जो टैक्स चोरी के लिये स्वर्ग माने जाते हैं. इन्ही में लग्जेमबर्ग भी शामिल है.

मेहता बंधुओं ने अपने डाइनीज फाउंडेशन की एक कंपनी शॉर्प एज को चीन की एक कंपनी को पैंतीस मिलियन डालर में बेचा औऱ इतनी बड़ी रकम का जिक्र कहीं नहीं है.

अब सवाल ये है कि अगर सरकार के पास कोच्ची में हिस्सा रखनेवालों के बारे में ऐसी जानकारी थी तो फिर उसने इस बाबत पूछताछ क्यों नहीं की.

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