आमिर खान ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह एवं सामाजिक कल्याण मंत्री मुकुल वासनिक से मुलाकात की. आमिर ने अपनी मुलाकात में प्रधानमंत्री से मैला ढोने वाले कर्मचारियों को लेकर बात की. आमिर की यह मुलाकता नई दिल्ली में प्रधानमंत्री निवास पर हुई.
आमिर खान ने कहा कि पीएम ने मेरी मांग का समर्थन किया और भरोसा भी दिया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकारें आंकड़ों से छेड़छाड़ करके इस प्रथा के मौजूद होने को नकारती हैं. आमिर ने बताया कि प्रधानमंत्री ने उनसे समाजिक न्याय मंत्री मुकुल वासनिक से मिलने को कहा था. आमिर ने कहा, 'मैला ढोने की प्रथा खत्म होनी चाहिए.'
समाजिक न्याय मंत्री मुकुल वासनिक ने इस समस्या से बेहतर ढंग से निपटने का भरोसा दिया है. उन्होंने ऐसे मुद्दो की तरफ ध्यान आकर्षित करने के लिए आमिर खान का शुक्रिया किया. वासनिक ने बताया कि इस मामले पर पहले से ही काम चल रहा है और जल्द ही एक सर्वे कराया जाएगा.
वासनिक ने कहा कि ऐसे लोगों का पुनर्वास किया जाएगा. उन्होंने आमिर की कोशिश को बेहतरीन बताया और कहा कि इससे हमारी कोशिशों को भी बल मिलेगा. उन्होंने जल्द ही इस मामले में नया कानून बनाने की भी बात कही.
बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान ने हर बार की तरह अपने कार्यक्रम ‘सत्यमेव जयते’ में मैला ढ़ोने की समस्या को काफी गम्भीर एवं संवेदनशील तरीके से उठाया. इसके बाद मीडिया में भी इस मसले पर नये सिरे से चर्चा शुरू हो गई थी. इस मुद्दे पर आमिर ने संबंधित मंत्रालय को पत्र लिखने की बात कही थी.
आमिर ने अपने कार्यक्रम में मैला ढ़ोने वाले जाति विशेष के दर्द और उनकी सामाजिक स्थिति को लेकर चर्चा की थी. आमिर ने उस दर्दनाक स्थिति एवं उस परिस्थिति में जी रहे लोगों और उनपर किए जा रहे काम को भी दिखाने की कोशिश की.
आमिर के इस कार्यक्रम में गांव और शहर दोनों जगहों की सोच और वास्तविक स्थिति पर भी चर्चा की गई. छुआछूत की शिकार पहले दलित आईएएस अधिकारी का दर्द और दिल्ली विश्वविद्यालय में कार्यरत महिला प्रोफेसर डॉ. कौशल पंवार ने कहा कि एक पिछड़ी जाति के परिवार में जन्म लेना सजा से कम नहीं है.
कौशल ने बताया कि जिस स्कूल में उन्होंने शिक्षा ग्रहण की उस स्कूल में उनकी ड्रेस अन्य विद्यार्थियों की ड्रेस से अलग थी और ऐसी व्यवस्था स्कूल के अधिकारियों की ओर से लागू की गई थी ताकि वे विभिन्न समुदाय के बच्चों को पहचान सकें.
वहीं, कार्यक्रम में शरीक अन्य प्रतिभागी फिल्म निर्माता स्टालिन ने कहा कि जाति प्रथा पर गलत अवधारणाएं केवल हिंदू समाज में ही नहीं बल्कि मुस्लिम, ईसाई और सिख में भी व्याप्त है. स्टालिन ने ‘इंडिया अनटच्ड’ नाम से फिल्म भी बनाई है.