बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान के पहले टेलीविजन शो 'सत्यमेव जयते' ने प्रसारण के साथ ही दर्शकों पर जादू कर दिया. कार्यक्रम के पहले एपिसोड के प्रसारण के समय करीब एक लाख लोगों ने सामाजिक बुराइयों पर आमिर से बातचीत करने के लिए फोन डायल किया.
'सत्यमेव जयते' के लिए एसएमएस सेवा उपलब्ध कराने वाली दूरसंचार कंपनी एयरटेल से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि करीब एक लाख लोगों ने अपने विचारों को साझा करने के लिए फोन के माध्यम से कार्यक्रम से जुड़ने की कोशिश की, लेकिन समय सीमित होने की वजह से 10 अथवा 11 लोग ही आमिर से बातचीत कर सके.
कार्यक्रम के दौरान आमिर ने फोन करने वालों से ठीक से बात की. आमिर ने कार्यक्रम के दौरान भ्रष्टाचार के खिलाफ वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के आंदोलन पर विचारों को साझा किया और भ्रूण हत्या, लिंग निर्धारण के लिए जांच करने वाले डॉक्टरों और इसे रोक पाने में चिकित्सा प्रणाली की नाकामी जैसे मुद्दों को उठाया.
गुड़गांव से फोन करने वाले एक दर्शक अपूर्व ने आमिर के इस कार्यक्रम की तुलना अन्ना हजारे के आंदोलन से की. साथ ही उसने कार्यक्रम के प्रभाव को लेकर चिंता जताई कि कहीं इसका प्रभाव समाप्त न हो जाए.
आमिर के साथ चर्चा के दौरान 25 वर्षीय युवक ने कहा, 'अन्ना हजारे के आंदोलन की तरह इस कार्यक्रम का समापन नहीं होना चाहिए. यह बहुत कम लोग ही जानते हैं कि अन्ना हजारे पुणे से एक बार फिर आंदोलन की शुरुआत कर रहे हैं. मैं थोड़ा दुखी हूं और सोचता हूं कि अपने आंदोलन का प्रभाव समाप्त होते देखने से अच्छा होगा कि अन्ना हजारे अपने गांव में रहें.'
इस पर आमिर ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति जब चाहेगा तभी बदलाव होगा. उन्होंने कहा, 'भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे का आंदोलन केवल तभी सफल हो सकता है जब प्रत्येक व्यक्ति खुद से पूछे कि वह भ्रष्टाचार से जुड़ा है अथवा नहीं.'
आमिर ने कहा, 'हम लोगों में से प्रत्येक व्यक्ति बदलाव ला सकता है. यदि हम खुद को बदल दें तो ही हमारे समाज में बदलाव हो सकता है.'
गुवाहाटी से फोन करने वाले योगेंदर ने आमिर से पूछा कि उन्हें 'सत्यमेव जयते' बनाने की प्रेरणा कहां से मिली? इस पर उन्होंने कहा, 'अपने समाज के गम्भीर मुद्दों को सामने लाने के लिए यह हमारी तरफ से एक कोशिश है. इस बारे में पूरी जानकारी पाने के लिए हमने दो वर्षो तक काम किया. हम प्रत्येक सप्ताह रविवार को आपको एक मुद्दे के बारे में बताएंगे.'